Childhood Cancer: क्या बच्चों में होनेवाले कैंसर का इलाज संभव है? जानिए संकेत
Childhood Cancer: बचपन का कैंसर एक बच्चे से दूसरे बच्चे में नहीं फैलता. शुरू में पहचान और शीघ्र इलाज जरूरी है. कैंसर का इलाज पूरा करने के बाद एक बच्चा किसी दूसरे बच्चे की तरह सामान्य हो जाता है
Childhood Cancer: बुखार, जोड़ का दर्द और शरीर पर सूजन को अक्सर अस्थायी समस्या के तौर पर ज्यादातर मामलों में खारिज कर दिया जाता है. लेकिन इलाज से ठीक नहीं होनेवाला लगातार बुखार, जोड़ में दर्द बचपन के कैंसर का संकेत हो सकता है. हालांकि, बचपन के कैंसर को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इन संकेतों पर गहरी नजर रखने और डॉक्टर से मिलने की जरूरत है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खुलासा किया है कि हर साल करीब 4 लाख 0-9 वर्षीय किशोर और बच्चों में कैंसर की पहचान होती है. बचपन के कैंसर का आंकड़ा चिंता की वजह है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आपको घबराना चाहिए.
बचपन में होनेवाले कैंसर का इलाज संभव है
पारस हॉस्पीटल्स गुरुग्राम में डॉक्टर नेहा सिंह का कहना है कि बचपन के आम प्रकार का कैंसर ब्लड कैंसर और बोन कैंसर हैं. कैंसर के ज्यादातर संकेत कैंसर के प्रकार के साथ खास हैं लेकिन आम तौर पर जिन बच्चों में ये लक्षण होते हैं, उनकी स्क्रीनिंग कराई जाती है. हालांकि, माता-पिता और बच्चे दोनों की जिंदगी में बचपन का कैंसर बेहद तनावपूर्ण घटना हो सकती है, सिंह ने बताया कि बचपन के कैंसर का इलाज संभव है. विकसित देशों में सफलता की दर 70 फीसद है जबकि विकासशील देशों जैसे भारत में सफलता की दर कई कारणों से कम है.
इलाज कैंसर के चरण और प्रकार पर निर्भर करता है. उसमें कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, सर्जरी और हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांट शामिल हैं. बचपन के कैंसर को रोका नहीं जा सकता है. व्यस्कों की तरह बच्चों के ब्रेस्ट कैंसर और लिम्फोमा में बड़े पैमाने पर जेनेटिक संबंध देखा गया है. धर्मशाला नारायणना सुपरस्पेशलियटी हॉस्पीटल के डॉक्टर सुपर्णो चक्रबर्ती ने कहा कि भारत में बच्चों को होनेवाले कैंसर के बारे में जागरुकता की बहुत कमी है. समाज में इस मुद्दे को अभी भी संबोधित नहीं किया जाता है. बच्चों में कैंसर व्यस्कों से कई तरह बिल्कुल अलग है. सबसे पहले, सभी कैंसर का मात्र तीन फीसद बच्चों में होता है, दूसरे ये तेजी से बढ़ते हैं और कीमोथेरेपी का बहुत कम असर होता है.
एक बच्चे से दूसरे बच्चे में नहीं फैलता कैंसर
इन लक्षणों के दिखाई देने पर आपको अपने बच्चे की जांच करवानी चाहिए. ये संक्रामक नहीं है और एक बच्चे से दूसरे बच्चे में नहीं फैलता है. शुरू में पहचान और शीघ्र इलाज जरूरी है. कैंसर का इलाज पूरा करने के बाद एक बच्चा किसी दूसरे बच्चे की तरह सामान्य हो जाता है, स्कूल जा सकता है और दूसरों के साथ खेल सकता है. इलाज लंबा चलने की वजह से विशेषज्ञ मां बाप को बच्चे की घरेलू देखभाल उपलब्ध कराने का सुझाव देते हैं. ऐसी स्थिति में जरूरी हो जाता है कि अतिरिक्त देखभाल घर पर किया जिसमें नियमित, स्वच्छता और संतुलित पोषण को सुनिश्चित हो.
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