बच्चों और किशोरों के लिए फिजिकली एक्टिव रहना बहुत जरूरी, वरना बीमारियां भविष्य में बनेंगी बड़ी परेशानी
साल 2016 में पूरे विश्व में 11 से 17 साल के 81 प्रतिशत बच्चे फिजिकली इनएक्टिव माने जाते थे. लड़कियां, लड़कों की तुलना में ज्यादा इनएक्टिव थीं.

फिजिकल इनएक्टिविटी दुनिया भर में होने वाली मौतों की चौथी सबसे बड़ी वजह है. अलग-अलग अध्ययनों में पाया गया है कि फीजिकल इनएक्टिविटी का लंबी बीमारियों और डिसेबिलिटी से गहरा जुड़ाव है. हाल ही में सामने आई एक रिसर्च में संभावना जताई गई है कि अगर लोग फिजिकली ज्यादा एक्टिव नहीं रहेंगे तो साल 2030 तक ग्लोबल लेवल पर लंबे समय तक चलने वाली प्रमुख बीमारियों से पीड़ित लगभग 50 करोड़ नए मरीज सामने आ सकते हैं. साइकिल चलाना, टहलना या अपना कोई पसंदीदा खेल खेलना आदि एक्टिव रहने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है.
इन एक्टिविटीज़ में रेगुलर इंवॉल्व होने से कई लंबी बीमारियों से बचने और निदान करने में मदद मिलती है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) 5 से 17 वर्ष तक के बच्चों और किशोरों को रोजाना 60 मिनट तक एक्सरसाइज करना चाहिए. एक्सरसाइज में कम से कम 3 दिन तेज एअरोबिक एक्टिविटीज़ के अलावा मांसपेशियों और हड्डियों को स्ट्रॉन्ग बनाने वाली कसरत जरूर शामिल की जानी चाहिए. इसके अलावा बच्चों और किशोरों को टेलीविजन, कंप्यूटर, स्मार्टफोन पर रोजाना दो घंटे से ज्यादा वक्त गुजारने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
लड़कियां रहीं ज्यादा इनएक्टिव
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन उपायों का उद्देश्य न केवल बच्चों को फिजिकली और मेंटली हेल्दी रखना है, बल्कि उनकी बौद्धिक क्षमता में सुधार भी करना भी है. साल 2016 में पूरे विश्व में 11 से 17 साल के 81 प्रतिशत बच्चे फिजिकली इनएक्टिव माने जाते थे. लड़कियां, लड़कों की तुलना में ज्यादा इनएक्टिव थीं. कोरोना महामारी ने हालातों को और ज्यादा बिगाड़ दिया. बच्चों और किशोरों में फिजिकल इनएक्टिविटी को दूर करना दुनिया भर में प्राथमिकता बन गई है.
कोरोना महामारी का असर
बच्चों और किशोरों में फीजिकल इनएक्टिविटी में कोरोना महामारी ने बढ़ोतरी लाने का काम किया है. 90 प्रतिशत से ज्यादा एक्सपर्ट्स ने कहा कि कोरोना का बच्चों की सक्रियता, खेलने-कूदने और फीजिकल एक्टिविटी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया, जिसके दौरान स्कूल और पार्क तक बंद करने पड़े. इससे बच्चों की फीजिकल एक्टिविटी प्रभावित हुई. एक अध्ययन में पाया गया कि कोविड प्रतिबंध लागू करने के 30 दिन के बाद लोगों के रोजाना चले जाने वाले कदमों में 27.3 प्रतिशत की कमी आई. यह स्टडी 187 देशों में किया गया था.
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