नई दिल्लीः अक्सर बच्चे अपने मन के डर और तनाव को दूसरों से छिपाते हैं, खासतौर पर पेरेंट्स से. लेकिन क्या आप जानते हैं बच्चे की कुछ आदतों को जान आप पता कर सकते हैं कि बच्चा स्ट्रेस में है या नहीं.



क्या कहती है रिसर्च-
हाल ही में आई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि बच्चे अक्सर स्ट्रेस में होने पर आई कॉन्टेक्ट नहीं कर सकते.

रिसर्च के मुताबिक, 9 से 13 साल तक के बच्चे चिंतित होने के समय ज़्यादातर नज़रें नहीं मिलाते. शोधकर्ताओं के अनुसार, बच्चे दूसरों से जितना कम आई कॉन्टेक्ट करते हैं उतना ही उनके मन में डर होता है. या फिर वे किसी चीज़ को लेकर बहुत तनाव में होते हैं.

रिसर्च के दौरान शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि बच्चे उस इंसान से हमेशा डरते रहते हैं जिसने उनका बुरा किया हो. भले ही अब वो इंसान बदल चुका हो और पहले जैसा ना रहा हो.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया की कलीना माइकलस्का का कहना है कि हम किसी की भी आँखों में देखकर, उसकी भावनाओं का अंदाज़ा लगा सकते हैं. लेकिन ये बात बच्चों पर लागू नहीं होती. लेकिन बच्चों के आई कॉन्टेक्ट पैटर्न को समझने से हमें सोशल लर्निंग डेवलपमेंट को समझने में मदद मिलेगी.

कैसे की गई रिसर्च-
शोधकर्ताओं ने 9 से 13 साल तक के 82 बच्चों को कंप्यूटर पर 2 महिलाओं की फोटो दिखाईं, जिसमें से एक फोटो में चीखने के एक्सप्रेशन थे लेकिन उसके पीछे साउंड इफेक्ट चीखने का था. दूसरी फोटो में बहुत ही डरावना एक्सप्रेशन था, उसके पीछे भी साउंड इफेक्ट था. कंप्यूटर में एक 'आई ट्रैकिंग डिवाइस' लगी हुई थी, जिससे यह पता चल सकता था की बच्चे किस तरफ और कितनी देर तक एक चीज़ को देख रहे हैं. 4 बार ये फोटोज बच्चों को दिखाई और फिर उन बच्चों ने बिना किसी आवाज़ के उन फोटोज को दोबारा देखा.

रिसर्च के नतीजे-
रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे नज़रें नहीं मिला पा रहे, उनके मन में डर है. और दूसरी तरफ, अगर कोई बच्चा किसी से नज़रें मिला रहा है पर कोई एक्सप्रेशन नहीं दे रहा, तो वह बहुत ज्यादा स्ट्रेस में है या किसी बात या इंसान से डरा हुआ हो सकता है.

शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो बच्चे स्ट्रेस में हैं वह नज़रे मिलाने में हिचकिचाएंगे, हालांकि नज़रअंदाज़ करने से, बच्चों की नर्वसनेस थोड़े समय के लिए कम हो सकती है.

यह रिसर्च जर्नल ऑफ़ चाइल्ड साइकोलॉजी और साइकाइट्री में पब्लिश हुई है.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.