चीन घटती हुई जन्मदर को रोकने के लिए देश की 'राष्ट्रीय बीमा योजना'में कुछ खास सुधार करने जा रहा है. इस योजना के तहत गिरती हुई जनसंख्या के बीच इनफर्टिलिटी का फ्री ट्रीटमेंट दिया जाएगा ताकि इसमें होने वाली खर्च को कम किया जा सके. यह खास स्किम सरकार ने इसलिए लागू किया है ताकि परिवारवालों को इसमें होने वाली खर्च को कम किया जा सके.
चीन की सरकार ने इनफर्टिलिटी का फ्री ट्रीटमेंट किया लागू
इस स्किम के अंतर्गत में 'असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी' (एआरटी) तकनीक शामिल कि गई है.इसमें बच्चे के जन्म में होने वाले दर्द को कम करने के लिए लेबर एनाल्जेसिया को भी शामिल किया जाएगा.इनफर्टिलिटी के ट्रीटमेंट में एआरटी प्रक्रिया इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ)है.
वहां की सरकार ने चीन की गिरती जनसंख्या को राष्ट्रीय विकास के लिए सबसे बड़ी बाधाओं में से एक बताया और जोर देकर कहा कि उसने "बांझपन के बोझ को कम करने" में मदद करने के लिए पहले से ही अपने कवरेज में ओव्यूलेशन-उत्प्रेरण दवाओं को शामिल कर लिया है.साथ ही इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शादी और बच्चे पैदा करने के लिए कहा जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में जन्म दर वर्षों से गिर रही है. पिछले साल देश ने 60 से अधिक वर्षों में पहली बार जनसंख्या में गिरावट दर्ज की है.
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के मुताबिक साल 2022 में देश की जनसंख्या गिरकर 1.411 बिलियन हो गई थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 850,000 कम है. इसी समय जन्म दर प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 जन्म के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गई. 2021 में 10.62 मिलियन की तुलना में 2022 में कुछ 9.56 मिलियन बच्चे पैदा हुए हैं.
इन वजहों से महिलाएं IVF पर ज्यादा निर्भर करती हैं
चीन के 'रेनमिन विश्वविद्यालय' के एक प्रोफेसर चेन वेई के मुताबिक चीन में महिलाओं की बढ़ती संख्या विवाह में देरी के कारण हो रही है. महिलाएं अक्सर पैसे कमाने और करियर बनाने के चक्कर में बच्चे पैदा नहीं कर रही हैं.चेन ने कहा, आईवीएफ जैसी महंगी प्रक्रियाओं को कवर करने वाले विकल्प इन दबावों में से कुछ को कम करने में मदद कर सकते हैं. शंघाई जैसे शहरों में IVF से जुड़ी औसत लागत $4,500 से $5,000 के बीच है.
चीन में जून 2021 तक 539 एआरटी से रजिस्टर्ड चिकित्सा संस्थान और 27 शुक्राणु बैंक हैं. देश के नेशनल क्लिनिकल रिसर्च सेंटर फॉर ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के विशेषज्ञों के मुताबिक ये सुविधाएं हर साल एक मिलियन से अधिक आईवीएफ की सुविधा प्रदान करती हैं.
चीन में पॉलिसी मेकर इस बात से चिंतित है कि आर्थिक विकास के पड़ने वाले प्रभाव की वजह से जनसांख्यिकीय संकट पैदा हो रही है.
'वन चाइल्ड' पॉलिसी फेल
चीन ने अत्यधिक जनसंख्या के डर को दूर करने और गरीबी को कम करने के लिए एक नियम बनाया था. जो काफी फेमस भी हुआ था. "वन चाइल्ड" नीति पेश की थी. लेकिन 2015 में तेजी से बढ़ती आबादी और सिकुड़ते कार्यबल की चिंताओं के बीच इसे खत्म करने का फैसला किया गया. जिससे आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को खतरा हो सकता है.
इसे सुधारने के बाद दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई. लेकिन बाद में तीन तक की अनुमति देने की नीति को और ढीला कर दिया गया.चीनी अधिकारी ऐसे देश में अविवाहित माता-पिता से पैदा हुए बच्चों के जन्म के पंजीकरण पर लगे प्रतिबंधों को हटाने के लिए भी आगे बढ़ रहे हैं जहां अविवाहित माताओं को अभी भी कलंक का सामना करना पड़ता है.