Donkey Skin Trade: चीन में अचानक से गधों की आबादी कम होने लगी है. कई और भी देशों में गधों की आबादी तेजी से कम हो रही है. जब पता लगाया तो पता चला कि गधों की बढ़ी संख्या को मारकर उनके खाल को बेचा जा रहा है. उसमें पाई जाने वाली जिलेटिन का इस्तेमाल कई सारे प्रोडक्ट में किया जाता है.


बिट्रेन की एक ऑर्गेनाइजेशन ‘द डंकी सेंचुरी’ की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब 59 लाख गधों का मारकर उसके खाल से जिलेटिन निकाला जाता है. जिलेटिन से बने दवा की मार्केट में काफी ज्यादा मांग है. 


जिलेटिन के इस्तेमाल से बनती है ये खास दवा


गधों के खाल यानि स्किन से जिलेटिन जो निकालते हैं उसे एजियो कहा जाता है. चीन में जो पुरानी दवाइयां उसे बनाने में इस जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है. एनर्जी और ताकत बढ़ाने वाली दवाओं में इस तरह के दवा का इस्तेमाल किया जाता है.


इसके अलावा एनीमिया से लेकर स्किन केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स से जुड़ी चीजों में जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे हैरानी की बात यह है कि चीन में चाय से लेकर खाने वाली चीजों में एजियो का इस्तेमाल किया जाता है. 



एजियो गधे के खाल से निकाले गए कोलेजन से बनाया जाता है. जब इसे गधें के स्किन से निकाल लिया जाता है उसमें गोलियों के लिक्विड में मिलाया जाता है. फिर इसे दूसरी चीजों से प्रोड्यूस किया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में एजियो की भारी डिमांड है. लेकिन सप्लाई लिमिटेड है. पाकिस्तान जैसे देशों से भारी संख्या में गधों की सप्लाई चीन में होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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