नींद नहीं आती है और पाचन भी है खराब... कहीं आप क्रॉनिक स्ट्रेस से तो पीड़ित नहीं!
Chronic Stress : लगातार तनाव के चलते आपको क्रॉनिक स्ट्रेस की समस्या हो सकती है जो आपके स्वास्थ्य पर खराब असर डाल सकता है. आपको कई बीमारियां हो सकती है...
Chronic Stress : इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में ऑफिस, घर, कैरियर,प्रमोशन, लव लाइफ जैसी कई बातें हैं जिस के चलते स्ट्रेस होना सामान्य सी बात है. आज के दौर में हर दूसरा व्यक्ति स्ट्रेस से गुजर रहा होता है. हल्का-फुल्का स्ट्रेस तो सभी के साथ होता है, लेकिन कई बार स्ट्रेस के चलते मानसिक शारीरिक समस्याएं पैदा होने लगती है, इसे हम क्रॉनिक स्ट्रेस के नाम से जानते हैं. ये एक किस्म का गंभीर तनाव होता है. ये स्थिति तब होती है जब व्यक्ति लंबे समय से लगातार तनाव में रह रहा होता है.अगर कोई व्यक्ति स्ट्रेस में होता है तो उसकी बॉडी में एड्रेनालाइल और कॉर्टिसोल नामक हार्मोन रिलीज होते हैं जो हमारे शरीर में सांस की गति या ह्रदय को बढ़ाकर स्ट्रेस को बढ़ावा देते हैं...
इम्यून सिस्टम पर पड़ता है असर
आपको बता दें कि यह स्ट्रेस हफ्तों महीनों और सालों तक रह सकता है. इसका असर शरीर के अलग-अलग हिस्सों को पड़ता है. विशेषज्ञों के मुताबिक जब व्यक्ति तनाव से गुजर रहा होता है तो इसका सीधा असर उनके इम्यून सिस्टम पर पड़ता है. क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह से व्यक्ति इतना कमजोर हो जाता है कि वो किसी भी संक्रमण या बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाता है और तो और ऐसे लोगों को बीमारी से ठीक होने में भी वक्त लगता है.
गंभीर बीमारियों का खतरा
क्रॉनिक स्ट्रेस में व्यक्ति की नींद उड़ जाती है. कई कई रात व्यक्ति को नींद नहीं आती है. इस वजह से उन्हें और भी समस्याएं होने लगती है. याददाश्त कमजोर होने लगती है, इस वजह से डायबिटीज, दिल की बीमारी, अल्सर समेत तमाम मानसिक समस्याएं एंजाइटी और डिप्रेशन भी हो सकती है.
थकान महसूस होना
क्रॉनिक स्ट्रेस की वजह से लोगों को हर वक्त ऊर्जा की कमी महसूस होती है. लंबे वक्त तक तनाव में रहने की वजह से व्यक्ति खुद को थका हुआ महसूस करता है, किसी भी काम को करने में उसे एक्साइटमेंट महसूस नहीं होता. परफॉर्मेंस डाउन होती जाती है.
पाचन संबंधिक शिकायत
क्रॉनिक स्ट्रेस से पीड़ित लोग पाचन संबंधित शिकायत से भी पीड़ित होते हैं. दरअसल जो लोग स्ट्रेस में रहते हैं वह लोग ओवरईटिंग कर लेते हैं. इस वजह से उनको कब्ज, लूज मोशन, पेट में जलन, ब्लोटिंग जैसी समस्याएं बनी रहती हैइसके अलावाकई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति बिल्कुल सुन्नेहो जाता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है, बार-बार टॉयलेट महसूस होता है, गला सूखने लगता है, आत्मविश्वास की कमी, जी मिचलाने लगता है.
ऐसे करें खुद की मदद
स्ट्रेस को दूर करने के लिए आप एक्सरसाइज का सहारा लें. मेडिटेशन करें, अपने तनाव के बारे में अपने दोस्तों और अपने घर में बात करें., शराब सिगरेट, कैफीन की लत से दूरी बनाए. काम की वजह से स्ट्रेस है तो कुछ दिनों की छुट्टियां लेकर फैमिली के साथ वक्त गुजारें. यह सब आपको स्ट्रेस से दूर करने में लाभकारी साबित होगा.
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