दवा से कितनी कारगर साबित होगी टीबी की वैक्सीन, कौन-कौन लगवा सकता है इसका इंजेक्शन?
भारत बायोटेक ने ह्यूमन सोर्स से बनी टीबी के पहले वैक्सीन MTBVAC बनाई है. कंपनी बायोफैब्री के साथ मिलकर MTBVAC का जल्द ही क्लिनिकल ट्रायल्स सीरिज शुरू होने जा रहा है.
बायोफार्मास्यूटिक कंपनी बायोफैर्बी के साथ मिलकर भारत बायोटेक टीबी की वैक्सीन बनाई है. यह वैक्सीन खास भारत के युवाओं के लिए बनाई गई है ताकि वह इस बीमारी से लड़ने में कामयाब हो सके. यह टीबी के खिलाफ लड़ने में मील का पत्थर साबित होने वाली है. यह वैक्सीन टीबी के पहले वाले वैक्सीन BCG से ज्यादा कारगर है.
भारत बायोटेक ने ह्यूमन सोर्स से पहली वैक्सीन MTBVAC बनाई है
भारत बायोटेक ने ह्यूमन सोर्स से बनी टीबी के पहले वैक्सीन MTBVAC का ऐलान किया है. कंपनी बायोफैब्री के साथ मिलकर MTBVAC का जल्द ही क्लिनिकल ट्रायल्स सीरिज शुरू होने जा रहा है. छोटे बच्चों के लिए BCG की तुलना में यह काफी ज्यादा असरदार होने वाला है. यह खासकर युवाओं के लिए बनाया गया है. ऐसी वैक्सीन बनाने का प्रयास काफी लंबे वक्त से किया जा रहा था लेकिन सफलता अब मिली है.आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर साल 16 लाख से ज्यादा लोग टीबी की बीमारी से मौत हो जाती है.
तीन दशकों के लंबे रिसर्च का रिजल्ट
बायोफैब्री के सीइओ एस्टेबन रोड्रिग्ज के मुताबिक यह हमारी तीन दशकों की लंबी रिसर्च है. जिसके बाद हम ट्रायल तक पहुंचे हैं.दुनिया में ऐसे भी देश हैं जहां 28 प्रतिशत तक युवक-बच्चे टीबी के मरीज हैं. टीबी के इलाज में बहुत ज्यादा मेहनत और पैसों की जरूरत पड़ती है.
एक वैक्सीन के होते हुए नए वैक्सीन की क्यों पड़ी जरूरत?
अभी फिलहाल टीबी से जंग लड़ने के लिए बस एक वैक्सीन थी वह थी BCG. यह 100 साल से भी ज्यादा पुराना वैक्सीन है. फेफड़े से संबंधित टीबी की बीमारी में यह ज्यादा असरदार नहीं है. इसलिए नए वैक्सीन की जरूरत पड़ती है. ग्लोबल वैक्सिनोलॉजी में यह एक मील के पत्थर के सामान है.
टीबी ऐसी बीमारी है कि वह युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसी स्थिति में हमारा लक्ष्य था कि इस दिशा महत्वपूर्ण कदम उठाना ताकि भारत में टीबी के मरीज काफी ज्यादा है इसलिए भारत में क्लिनिकल ट्रायल्स जरूरी था. MTBVAC वैक्सीन ने कई सारे मील के पत्थर पार किए हैं अब वह क्लिनिकल ट्रायल्स में एंट्री कर चुका है. साल 2023 में नवजात बच्चों में एक डबल-ब्लाइंड, कंट्रोल्ड फेज 3 क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया गया है. इसकी तुलना बीसीजी वैक्सीन से की जा रही है.
टीबी के लक्षण
कैसी भी खांसी है हो अगर 2-3 सफ्ताह से ज्यादा तक है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. ज्यादा दिनों तक चलने वाली खांसी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.
अगर आप रात में सोए हैं और आपको पसीना आ रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं.
खांसी के साथ तेजी से वजन कम हो रहा है तो टीबी के लक्षण हो सकते हैं. सांस लेने में परेशानी या खांसी करते वक्त खून आना टीबी के लक्षण हो सकते हैं.
टीबी से कैसे बच सकते हैं?
सबसे पहले तो शरीर की इम्युनिटी मजूबत रखें क्योंकि अगर आप अंदर से कमजोर होंगे तो आपको टीबी हमला कर देगा.
डाइट में ज्यादा से ज्यादा सब्जियां और फल खाएं.
रोजाना एक्सरसाइज करें.
प्रदूषण से बचे रहें.
किसी भी तरह की खांसी हो तो खुद को बचाकर रखें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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