Colorectal Cancer Symptoms: कोलन कैंसर 55 साल से कम उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ रहा है. 1995 से यह कैंसर दोगुना बढ़ गया है. कोलोरेक्टल कैंसर की दर दुनिया भर के युवाओं में लगातार बढ़ रही है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी की एक नई रिपोर्ट में सामने आया कि हाल के वर्षों में 55 वर्ष से कम उम्र के लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. यह संख्या 1995 में 11% से बढ़कर 2019 में 20% हो गई. कोलोरेक्टल कैंसर की संख्या 2000 के बीच में 52% से बढ़कर 2019 में 60% हो गई. इस नई रिपोर्ट से पहले भी डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को मामलों में इस बढ़ोतरी की जानकारी थी. 


युवाओं में ज्यादा आम होता जा रहा है कोलोरेक्टल कैंसर


युवा लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले में खतरनाक और परेशान करने वाले है, यह 1990 के दशक से हर साल लगभग 1 से 2% बढ़ रहा है. इसकी कुल संख्या कम है, लेकिन फिर भी इसकी बढ़ोत्तरी चिंता का कारण है और यह विशेष रूप से चौंकाने वाला है क्योंकि मामलों में सबसे बड़ी वृद्धि लोगों के सबसे कम उम्र के समूह में है जो 20 से 29 साल के हैं. अगर शुरुआत में ही इस कैंसर का पता चल जाता है तो कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज किया जा सकता है और दूसरा पॉलीप्स का पता लगाना है, जो कि समय से पहले होने वाली वृद्धि है जो समय के साथ कैंसर में बदल सकती है.


कोलोरेक्टल कैंसर के युवाओं में क्यों बढ़ रहे मामले? 


बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिंस मेडिसिन में कैंसर जेनेटिक्स और एपिजेनेटिक्स के सह-निदेशक डॉ. निलोफर सबा आज़ाद ने कहा हमारे पास कोई निश्चित जवाब नहीं है कि हम दरों में वृद्धि क्यों देख रहे हैं. इसके लक्षणों में शरीर का ज्यादा वजन, शराब, धूम्रपान और डायबिटीज और अन्य पेट संबंधी समस्याएं शामिल हैं. जब आप इन सभी चीजों को एक साथ देखते हैं, तो यह संभव है कि कुछ तो गड़बड़ हो सकती हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन खाद्य पदार्थों का आनंद नहीं ले सकते जो पश्चिमी आहार का हिस्सा हैं. इसके बजाय आप हेल्दी चीजें और व्यायाम को भी अपने रुटीन में शामिल करें. आपको कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षणों को जानना चाहिए और स्वस्थ रहने या बीमारी को जल्दी पकड़ने के लिए इन टिप्स को फॉलो करना चाहिए.


पेट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं कोलन कैंसर का संकेत


45 साल की उम्र से शुरू करके आपको कोलोरेक्टल कैंसर की जांच करानी चाहिए. दुर्भाग्य से, कोलोरेक्टल कैंसर की बढ़ोत्तरी को महसूस करने वाले लोगों के सबसे कम उम्र के लोग जांच कराने के लिए बहुत छोटे हैं. ज्यादातर लोगों के लिए 45 साल की आयु तक बीमा योजनाओं द्वारा स्क्रीनिंग को कवर नहीं किया जाता है. लेकिन इससे आपके लिए जल्द से जल्द जांच करवाना दोगुना जरूरी हो जाता है. अमेरिकी कैंसर सोसायटी के मुख्य रोगी अधिकारी डॉ. आरिफ कमल ने कहा कि अमेरिका में स्क्रीनिंग शुरू करने की उम्र 50 साल थी, लेकिन मामलों में इस वृद्धि की वजह से दिशानिर्देश बदल गए.


कोलोनोस्कोपी एकमात्र स्क्रीनिंग विधि नहीं है


विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों के लिए कॉलोनोस्कोपी से डरना बहुत आम है, हालांकि इससे डरने की कोई बात नहीं है. कोलोनोस्कोपी सुरक्षित प्रक्रियाएं हैं. मेंडेलसोहन ने कहा कि अन्य स्क्रीनिंग टेस्ट भी उपलब्ध हैं, जैसे स्टूल टेस्ट और सीटी स्कैन जिसे वर्चुअल कॉलोनोस्कोपी कहा जाता है. स्वस्थ लोगों में हर 10 साल में कोलोनोस्कोपी की जानी चाहिए और हर पांच साल में वर्चुअल कॉलोनोस्कोपी की आवश्यकता होती है. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, यूरिन टेस्ट अधिक बार होना चाहिए, टेस्ट के आधार पर हर साल से लेकर हर तीन साल तक होना चाहिए.


कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं


सबसे आम लक्षण मलाशय से खून बहना या यूरिन में खून आना है.


मलाशय से रक्तस्राव वाले ज्यादातर लोगों को कैंसर नहीं होगा, बवासीर इसका एक सामान्य कारण है.


युवा लोगों में सभी मलाशय रक्तस्राव बवासीर नहीं है.


मेयो क्लिनिक के अनुसार कोलोरेक्टल कैंसर का एक और संकेत यह है कि अगर आपको ऐसा लगता है कि आप अपनी आंत को खाली नहीं कर सकते हैं. मतलब जब आप बाथरूम जाते हैं तो आपको मलत्याग से जुड़ी राहत महसूस नहीं होती है. एनीमिया भी एक और संकेत हो सकता है. आपके यूरिन में बदलाव, काला मल होना या कब्ज की समस्या हो सकती है. हालांकि कब्ज घबराहट का कारण नहीं हैं. इसमें से कुछ तनाव-संबंधी या आहार-संबंधी की वजह से भी समस्या हो सकती हैं और जान लें कि कुछ अन्य लक्षण - जैसे पेट में दर्द और वजन कम होना हो सकते हैं. 


इन लक्षणों को लेकर सभी को खुद पर नजर रखने की जरूरत है, खासकर 45 साल से कम उम्र के लोगों को. क्योंकि 45 वर्ष से कम उम्र के ज्यादातर लोगों को कोलोरेक्टल कैंसर के लिए जांच नहीं की जाएगी, इसलिए इन लक्षणों के लिए खुद ही निगरानी करना जरूरी है और अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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