Colorectal Cancer: यदि स्टूल में ये 6 बदलाव दिख रहे हैं तो समझ लिजिए कैंसर है...
स्टूल यानि मल में किसी तरह का बदलाव आ रहा है तो यह गंभीर इंडीकेशन हो सकता है. कोलोरेक्टल यानि आंतों का कैंसर इसी से जुड़ा एक कैंसर है. इसके लक्षणों की पहचान कर इलाज करा लेना चाहिए.
Colorectal Cancer Symptoms: कैंसर बॉडी में कहीं भी हो सकता है. बस इसके लक्षणों की पहचान करने की जरूरत है. फ्रेश होना यानि शौच के लिए जाना सभी व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है. शौच करना कोलेक्टरल सिस्टम से जुड़ा हिस्सा है. कोलोक्टरल मेें भी कैंसर हो सकता है. लेकिन यहां अन्य कैंसर की तरह कोलेक्टरल कैैंसर के लक्षणों की पहचान करना भी जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि कोलोरेक्टल कैंसर की जांच को स्टूल में होने वाले बदलावों से आसानी से जांचा जा सकता है.
बड़ी आंत में होेने वाला कोलोरेक्टल कैंसर
डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी आंत में होने वाले कैंसर को कोलोरेक्टल कैंसर या कोलन कैंसर कहा जाता है. आमतौर पर, यह कैंसर कोलन एरिया में होता है और रेक्टम एरिया को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए, बड़ी आंत में प्रभावित क्षेत्रों के आधार पर, इसे आंत कैंसर या रेक्टल कैंसर भी कहा जा सकता है. कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षणों की जानकारी समय पर न होने के कारण इसका इलाज समय से नहीं हो पाता है.
ये हैं दिखते हैं 6 लक्षण
1. पेट में हो सकती है दर्द और ऐठन
यह कोलोरेक्टल कैंसर का सबसे प्रमुख लक्षण है. इसमें पेट में दर्द या ऐंठन की समस्या होती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि स्टूल सही ढंग से नहीं हो रहा होता है. लोग इसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या मानते हुए इग्नोर कर देते हैं. शौच करने के बाद परेशानी बनी है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
2. स्टूल में ब्लड आ जाना
कोलोरेक्टल कैंसर में कब्ज की समस्या बनने लगती है. लोग इसे भी सामान्य पेट की समस्या समझ लेते हैं. लेकिन सामान्य कब्ज और कैंसर से बनी कब्ज को अलग करने की जरूरत है. इसमें शौच के साथ ब्लड आ सकता है. लेकिन यह एक या दो बार नहीं होगा. अधिकांश बार यह समस्या देखने को मिल सकती हैे. इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
3. मवाद जैसा लिक्विड आना
इस तरह के कैंसर की चपेट में आने पर स्टूल करने की आदतोें में बदलाव देखा जा सकता है. इस तरह के ट्यूमर में मवाद जैसा लिक्विड स्टूल के साथ देखने को मिल सकता है. इसमें दस्त भी हो जाते हैं. कुछ मामलों में लोगों में पुराना डायरिया हो जाता है. इससे पेशेंट में थकान देखने को मिलती है.
4. लगातार कब्ज का रहना
कोलन कैंसर के कुछ शुरुआती मामलों में बड़ी आंत में ट्यूमर स्टूल के रास्ते को रोक सकता है. इससे कब्ज रहने लगती है. कोलन कैंसर का शुरुआती लक्षण ही कब्ज के रूप में देखा जाता है.
5. पतला हो सकता है स्टूल
कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण में स्टूल बेहद पतला हो सकता है. यह ट्यूमर के कारण हो सकता है. इस कंडीशन में टयूमर बड़ी आंत में रुकावट पैदा कर रहा होता है. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को स्टूल को चेक करते रहना चाहिए.
6. हाथ-पैरों का पीला पड़ना, उल्टी आना
जैसे ही शोच करने का रास्ता बंद होने लगता है. अन्य लक्षण दिखने लगते हैं. इनमें एक लक्षण उल्टी होेने का हो सकता है. स्टूल में लगातार ब्लीडिंग आने के कारण बॉडी में खून की कमी हो सकती है. हाथ, पैर, चेहरा पीला पड़ जाता है. पेशेंट एनीमिक हो जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि आंतों के कैंसर से बचाव के लिए लक्षणों पर ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
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