आइसक्रीम, चॉकलेट और ब्रेड में पाई जाने वाली ये चीज बढ़ा सकती है आपकी परेशानी, देख लें ये रिपोर्ट
फ्रांस में हुए रिसर्च में पता चला कि जो लोग बहुत ज्यादा चॉकलेट-आइसक्रीम और ब्रेड खाते हैं उन्हें डायबिटीज टाइप-2 बीमारी का खतरा काफी ज्यादा होता है. जानिए आखिर क्यों?
फ्रांस में 1 लाख लोगों के ऊपर एक रिसर्च की गई. इस रिसर्च में उन लोगों को शामिल किया गया जो आइसक्रीम, चॉकलेट या ब्रेड वाले आइटम ज्यादा खाते हैं. इसमें देखा गया कि जो लोग यह सभी चीजें ज्यादा खाते हैं उनमें डायबिटीज टाइप-2 का खतरा काफी ज्यादा बढ़ा है.
डायबिटीज टाइप-2 का आइसक्रीम-चॉकलेट से खास कनेक्शन
इस रिसर्च के जरिए इन सवालों को भी उठाया गया कि आखिर ऐसा इन प्रोसेस्ड फूड आइटम में ऐसा क्या पाया जाता है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. जब इसकी अच्छे तरीके से जांच पड़ताल की गई तो पाया गया कि इसमें एस्पार्टेम (आर्टिफिशियल स्वीटनर या शुगर सब्स्टिट्यूट) मिलाया जाता है. इसके साथ-साथ कैरेजीनन मिलाया जाता है. ताकि फूड आइटम्स गाढ़ा दिखे. इसमें किसी भी तरह का पोषण नहीं होता है. कैरेजीनन को 1950 के दशक से प्रोसेस्ड फूड में मिलाया जाता है ताकि कैरेजीनन संक्रमण से लड़ने में भी मदद करें और खराब होने से बचाए.
डेटेम पूरी तरह से कठोर तेल से बना मोनो और डाइग्लिसराइड्स का एक डायसेटाइल टार्टरिक एसिड एस्टर है. यह सफेद से हल्के पीले रंग का मोम जैसा ठोस पदार्थ होता है, जो ठंडे और गर्म पानी में फैलता है और मेथनॉल, इथेनॉल और एसीटोन में घुलनशील होता है.
केक, आइसक्रीम में मिलाया जाता है ये केमिकल्स
डेटम 95-62-80 CC का उपयोग ब्रेड, केक, नॉन-डेयरी क्रीमर और नॉन-डेयरी व्हीप्ड टॉपिंग में बनाने के रूप में किया जाता है. ब्रेड में यह आटा कंडीशनर के रूप में कार्य करता है. केक और नॉन-डेयरी प्रोडक्ट में यह फैलता है और फोम स्टेबलाइज़र की तरह काम करता है. यह पाम-ऑयल फ्री है और कोषेर और हलाल जैसे खाने बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पहले ही खुलासा कर दिया है कि फास्ट फूड में जो एस्पार्टेम का इस्तेमाल हो रहा है वह इंसानों के लिए कैंसर का जोखिम पैदा करता है. इसके अंदर कार्सिनोजेनिक होता है. जो कैंसर पैदा करती है. इसे लो कैलोरी फूड्स और ड्रिंक्स में इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन इसमें रेगुलर शुगर होती है. यह रेगुलर शुगर की तुलना में इसमें 200 गुना मीठा काफी ज्यादा होता है.
ICMR के मुताबिक अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में काफी ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक और फैट मिलाया जाता है. वहीं इसमें फाइबर और दूसरे पोषक तत्व कम मात्रा में होते हैं. इसमें कई सारे ऐसी चीजें मिलाई जाती है जो इंसान के शरीर के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है.कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, चॉकलेट, कैंडी, आइसक्रीम, पैकेज्ड सूप, चिकन नगेट्स, हॉट डॉग, फ्राइज़ और बहुत कुछ हैं. ऐसे फूड्स को ही अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड कहते हैं. इन्हें खाने से कई सारी बीमारियों का खतरा बढता है.
चीनी का एक प्रकार, फ्रुक्टोज, ज्यादा मात्रा में खाने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है. इससे फैटी लिवर डिजीज हो सकती है, जो लिवर के काम को प्रभावित करती है.ज्यादा चीनी खाने से हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ता है. इससे रक्तचाप और खून में फैट का स्तर बढ़ सकता है, जो हृदय के लिए हानिकारक है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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