Weight Loss And Water Loss: आजकल की मॉर्डन लाफस्टाइल और खराब खानपान के कारण लोगों का तेजी से वजन बढ़ रहा है. वजन कम करने के चक्कर में लोग कई तरह की डाइटिंग, किटो डाइट कई तरह के डाइट करते हैं. जिसके कारण कई बार ऐसा होता है कि लोग वॉटर लॉस को फैट लॉस में फर्क समझ लीजिए. ये दोनों स्लिम करने के लिए किया जाता है. लेकिन इसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फैट लॉस करने पर इंसान हेल्दी और टोंड दिखाई देता है. अगर आपको वेट लॉस करना है तो फैट कम करने की जरूरत है.
वॉटर वेट और फैट वेट दोनों अलग- अलग चीजें है
वॉटर वेट और फैट वेट दोनों अलग- अलग चीजें है. अगर शरीर में पानी का लेवल बढ़ने लगता है तो वजन भी बढ़ा हुआ दिखाई देने लगता है. जिसे वॉटर वेट कहा जाता है. वहीं फैट वेट का शरीर में चर्बी बढ़ने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
एक्सरसाइज करने से तुरंत वजन कम होता है आप वॉटर वेट कम कर रहे हैं
अगर आप एक्सरसाइज के बाद तेजी से वजन कम कर पा रहे हैं तो समझ लीजिए शरीर में वॉटर वेट है लेकिन एक्सरसाइज करने के बाद भी वजन धीरे-धीरे कम हो रहा है तो इसका साफ अर्थ है कि फैट वेट बढ़ा हुआ है. अगर आप सही डाइट और एक्सरसाइझ कर रहे हैं और तब जाकर आपका वजन कम हो रहा तो आप फैट लॉस कर रहे हैं. इसलिए दोनों के बीच के फर्क को समझना बेहद जरूरी है.
ऐसे पहचानें आप वॉटर या फैट वेट कम कर रहे हैं
जब भी आप मशीन के जरिए वजन मापते है तो आपके शरीर का कुल वजन सामने आता है इसमें वॉटर वेट भी शामिल होता है. यह हड्डियों के अलावा शरीर की सबसे भारी चीज है. जब आपका वजन कम होने लगता है तो सबसे पहले वॉटर वेट कम होता है. जब आप एक बैलेंस डाइट लेते हैं और एक्सरसाइज करते हैं तो शरीर की एनर्जी ग्लाइकोजन में बदल जाती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ग्लाइकोजन लिवर और मसल्स में तब तक जमा रहता है जब तब आपका शरीर इसका सही से इस्तेमाल न करें. मसल्स में 1 ग्राम ग्लाइकोजन होता है जिसमें 3 ग्राम पानी होता है. जब आप एक्सरसाइज के जरिए ग्लाइकोजन का इस्तेमाल करते हैं तब आप फैट लॉस नहीं बल्कि वॉटर लॉस कर रहे होते हैं.
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