मेलबर्नः आमतौर पर लोग कमर दर्द में इबुप्रोफेन जैसे पेनकिलर्स ले लेते हैं. क्या आप जानते हैं इन पेनकिलर्स से बेशक आपको हल्का सा आराम मिल जाएं लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स बहुत होते हैं. इससे आपको पेट में अल्सर और ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है. हाल ही में आई एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है.

क्या कहती है रिसर्च-
ऑस्ट्रे्लिया में जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की रिसर्च में पाया गया कि इन पेन किलर्स को खाने से 6 में से 1 का ही इलाज हो पाता है. इन पेनकिलर्स से दर्द से राहत मिलती है ऐसा कोई सबूत नहीं है.इन ड्रग्स को नॉन स्टेरायडल एंटी इन्फ्लेमेट्री (NSAID) के नाम से जाना जाता है.

पहले भी हो चुकी हैं रिसर्च-
इससे पहले आई रिसर्च में भी साबित हो चुका है पैरासिटामोल कमर के दर्द में असरदार नहीं है.

एक्सपर्ट की राय-
शोधकर्ता प्रोफेसर मैन्यूला फेरेरिया का कहना है कि बैक पेन को ट्रीट करने के लिए जल्द ही थेरेपी डवलप करने की जरूरत है. जिसकी 80 पर्सेंट लोगों अपनी लाइफ में कभी ना कभी जरूरत पड़ेगी.दुनियाभर में कमर में दर्द की समस्या डिसैबिलिटी का बड़ा कारण है. अभी तक बैक पेन के इलाज के लिए सिर्फ पेनकिलर्स का ही सहारा लिया जाता है.

रिसर्च के नतीजे-  
रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि पेनकिलर्स केवल कुछ समय के लिए ही राहत दिलवाते हैं. ये दर्द तो कम करते हैं लेकिन बहुत कम. इतना ही नहीं, इन पेनकिलर्स से दर्द कम होता है ऐसा कोई साइंफिक सबूत मौजूद नहीं है. साथ ही इनके सेवन से बहुत से साइड इफेक्ट भी होते हैं.

कैसे की गई रिसर्च-
इस रिसर्च में 35 बार 6000 लोगों पर एक्जामिन किया गया. जिसमें देखा गया कि जो लोग कमर दर्द को दूर करने के लिए पेन किलर्स लेते हैं वे गैस्ट्रिक प्रॉब्लम और इंटेस्टाजइन जैसी प्रॉब्लम्स को सफर करते हैं. उन्हें पेट में अल्स‍र और ब्लीडिंग की दिक्कत हो जाती है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि बैक पेन से बचने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए. साथ ही समय रहते ट्रीटमेंट ले लेना चाहिए.

ये रिसर्च एनुअल ऑफ द रूमैटिक डिजीज में पब्लिश हुई.