आजादी के 70 साल के बाद भी भारत में महिलाओं (Indian Women) की स्थिति भारत में संतोषजनक नहीं है. भारत एक ऐसा देश है जहां महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को देवी का दर्जा देने के बावजूद उन्हें कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ता है. भारत में एक तरफ औरतों को देवी की तरह पूजते हैं तो वहीं दूसरी इसी देवी को अंतहीन गालियां देते हैं. उन्हें हीन समझते हैं.


भारत की महिलाओं को आए दिन किसी न किसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. सबसे पहले, महिलाओं के खिलाफ हिंसा भारत में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली एक बहुत ही गंभीर समस्या है. यह लगभग हर दिन विभिन्न रूपों में हो रहा है। लोग कुछ करने के बजाय उस पर आंख मूंद लेते हैं. घरेलू हिंसा आपके विचार से अधिक बार होती है। इसके अलावा, दहेज-संबंधी उत्पीड़न, वैवाहिक बलात्कार, जननांग विकृति जैसी और बहुत कुछ है जिससे गुजरना पड़ता है.


लैंगिक पक्षपात और भेदभाव: भारतीय औरतों को लैंगिक भेदभाव के मुद्दे से भी गुजरना पड़ता हैं. भारत में महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं माना जाता है. घर से लेकर ऑफिस तक महिलाओं कोलगभग हर जगह भेदभाव का सामना करना पड़ता है. सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि छोटी-छोटी बच्चियों को भी भेदभाव से गुजरना पड़ता है. 


शिक्षा और नौकरी के अवसरों तक पहुंच का अभाव- शिक्षा और नौकरी के क्षेत्रों में भी महिलाओं को भेदभाव से गुजरना पड़ता है. नौकरी के क्षेत्र में महिलों को पुरुषों के मुकाबले कम सैलरी मिलती है. 


यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा सहित सुरक्षा संबंधी चिंताए- महिलाओं में घर से लेकर वर्क प्लेस तक यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. 


हेल्थ इश्यू: भारत में ज्यादातर ऐसी महिलाएं हैं जिनके पास सही हेल्थ सेवा ठीक से पहुंच नहीं पाती हैं. भारत की ज्यादातर महिलाए एनीमिया की मरीज हैं. एनीमिया की मरीज का मतलब है कि भारत की ज्यादातर महिलाएं खून की कमी से जूझ रही हैं. 


सैनिटरी पैड्स: आज भी भारत की ज्यादातर महिलाएं को सैनिटरी पैड्स नहीं मिल पाती है. जिसकी वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ता है. 


पीरियड्स: भारत में पीरियड्स एक टैबू की तरह है. इसे लेकर आज भी लड़कियां खुलकर बात नहीं करती हैं. पीरियड्स को लेकर आज भी लड़कियों के लिए स्कूल, कॉलेज में खास व्यवस्था नहीं की गई है. जिसकी वजह से अगर किसी लड़की को अचानक से पीरियड्स आ जाए तो वह खुलकर बात भी नहीं कर पाती हैं. 


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