Conjunctivitis: इस साल मानसून के दौरान आई बारिश ने दिल्ली सहित कई राज्यों का हाल बेहाल कर दिया. उत्तर भारत के कई हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई. यमुना सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया. सिर्फ इतना ही नहीं, बाढ़ के कारण कई मानसूनी बीमारियों ने भी जन्म ले लिया है, जिनमें से एक बीमारी 'कंजंक्टिवाइटिस' है, जो आंखों को प्रभावित करती है. इन दिनों इस दिल्ली-एनसीआर में इस बीमारी ने कहर बरपाया हुआ है. बड़ी संख्या में लोग आई फ्लू का सामना कर रहे हैं. चूंकि यह एक तरह का संक्रमण है, इसलिए जो भी पीड़ित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में आता है, उनमें भी कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है.   


टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक डॉक्टर ने कहा कि कंजंक्टिवाइटिस वैसे तो कोई जानलेवा संक्रमण नहीं है. हालांकि यह आंखों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए लोगों को इसे सीरियसली लेना चाहिए. कंजंक्टिवाइटिस 5-6 दिनों तक रह सकता है. इसे 'पिंक आई' इन्फेक्शन के नाम से भी जाना जाता है. ज्यादातर लोग मानते हैं कि यह बीमारी आई कॉन्टैक्ट करने से फैलती है. जबकि डॉक्टर का कहना है कि ये न तो हवा के जरिए फैलती है और ना ही आई कॉन्टैक्ट करने से फैलती है. कंजंक्टिवाइटिस किसी को तब प्रभावित करता है, जब वो किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करता है. 


क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?


कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की आंखों का सफेद हिस्सा पूरी तरह से गुलाबी और लाल हो जाता है. आंखों में खुजली और दर्द होता है. लगातार पानी निकलता है. कभी-कभार विज़न ब्लर हो जाता है. आंखें सूज जाती है. इस बीमारी का आंखों की रोशनी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, हालांकि आपको कुछ समय के लिए धुंधला जरूर दिखाई दे सकता है. 


कैसे करें अपना बचाव?


1. साफ-सफाई का रखें ध्यान
2. बार-बार धोएं हाथ
3. आंखों को बार-बार न छुएं
4. किसी से भी अपना तौलिए, बिस्तर या रूमाल शेयर न करें
5. कॉन्टैक्ट लेंस से बचें
6. अपनी मर्जी से कोई भी दवा न लें.
7. पब्लिक स्विमिंग पूल में जाने से बचें
8. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रहें
9. संक्रमिक व्यक्ति की किसी भी चीज का इस्तेमाल न करें


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: उबालकर नहीं, चावल को पकाने का ये है सबसे उत्तम तरीका, जानें