Chronic Constipation Lead To Dementia: आज के दौर में हर दूसरा व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है. इसके पीछे का कारण है खराब खानपान की आदतें और खराब लाइफ़स्टाइल.पहले ये बुजुरगों में देखने को मिलती थी, लेकिन आज युवा भी इसकी चपेट में है.आयुर्वेद के मुताबिक अगर आपको सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग हो रहा है तो आप को कब्ज की गंभीर समस्या है. कब्ज की समस्या को हल्के में लेने की बिल्कुल भी भूल नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे आप का मानसिक स्थिति बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है.


कब्ज के चलते संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम 


एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कब्ज ना केवल आपके पेट के स्वास्थ्य के लिए बल्कि आपके संज्ञानात्मक कार्य के लिए भी बुरा हो सकता है. संज्ञानात्मक कार्य किसी व्यक्ति की मानसिक क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिसमें सीखने सोचने तर्क करने, समस्या समाधान निर्णय लेना याद रखना और ध्यान देना शामिल है. एमस्टरडम में दिखाई गई एक रिसर्च की माने तो कब्ज के चलते संज्ञानात्मक गिरावट का 73 फ़ीसदी अधिक जोखिम हो जाता है.कब्ज के चलते ब्रेन और शरीर के तालमेल प्रभावित हो सकते हैं. गंभीर कब्ज होना मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन और डिमेंशिया होने की भी आशंका बढ़ जाती है.


कैसे करें बचाव


स्वस्थ आहार खाने से आपके मल त्याग को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिल सकती है. सब्जियों, फलों, साबुत अनाज और नट्स का सेवन करके अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाएँ.अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अनुसार कुल फाइबर का सेवन प्रति दिन कम से कम 25 ग्राम होना चाहिए.सुनिश्चित करें कि आप खूब पानी पियें. क्योंकि पर्याप्त हाइड्रेटेड रहने से मल नरम हो जाता है ताकि आप इसे बिना तनाव के त्याग सकें. प्रति सप्ताह कम से कम कुछ बार व्यायाम करने और तनाव को प्रबंधित करने से भी कब्ज को रोकने में मदद मिल सकती है.जिन लोगों की कब्ज की समस्या है उन्हें तली भुनी चीजों को खाने से बचना चाहिए. चाय कॉफी का सेवन भी कम करना चाहिए.


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