वजन बढ़ना- बहुत से मीठे खाद्य पदार्थों को खाने से मोटापा बढ़ने लगता है. मीठे के कारण मोटापे की समस्या हो जाती है और फैट शरीर में स्टोर होने लगता है जिसके कारण कमर के आसपास के हिस्से में मोटापा बढ़ने लगता है.
डायबिटीज का खतरा- मीठा खाने से सीधे तौर पर तो शुगर नहीं होती लेकिन लगातार मीठा बहुत अधिक खाने से इंसुलिन लेवल बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है. डायबिटीज और मोटापा होने से हार्ट प्रॉब्लम्स भी होने लगती हैं और मेटाबॉलिक सिंड्रोम होने का खतरा बढ़ जाता है.
कॉलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है – अधिक शुगर का सेवन करने से कॉलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ने लगता है. जिससे हार्ट फंक्शन पर दबाव पड़ता है.
दिल की बीमारियों का खतरा- अधिक शुगर के सेवन से ब्लड वैसल्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है.
प्रतिरक्षा तंत्र होता है कमजोर- शुगर के अधिक सेवन से शरीर में इंफेक्शंस और बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत कम हो जाती है.
लीवर को पहुंचता है नुकसान- अधिक शुगर के सेवन से लीवर पर अधिक दबाव पड़ता है. साथ ही ये फैट के रूप में लीवर में स्टोर होती रहती है. इससे व्यक्ति को नॉन एल्कालिक फैटी लीवर डिजीज भी हो जाती हैं.
एंजाइटी और डिप्रेशन- आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन शुगर में मूड बदलने की क्षमता होती है. शुगर की वजह से थकान होना, एंजाइटी और डिप्रेशन होना आम बात है. दरअसल, शुगर से डोपामाइन स्तर बहुत बढ़ जाता है जिससे एंजाइटी डिस्ऑर्डर होना, डिप्रेशन और बहुत गुस्सा आना जैसी शिकायतें होनी लगती है.