क्या प्रदूषित शहर में रहने से ज्यादा खतरनाक है गैस पर खाना बनाना? ज्यादातर घरों में खाना गैस पर ही बनाया जाता है. हालांकि एक नए शोध के मुताबिक, गैस पर खाना बनाना आपकी सेहत के लिए प्रदूषित शहर में रहने से ज्यादा जोखिम भरा है. ज्यादा प्रोफेशनल की तरह टीवी शेफ इलेक्ट्रिक कुकिंग स्टोव के बजाय गैस के स्टोव पर खाना बनाना पसंद करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है ऐसा करना नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (प्रदूषण में पाए जाने वाले खतरनाक टॉक्सिन्स) को पैदा करना है. इनकी वजह से सेहत को काफी नुकसान होता है. ये न सिर्फ फेफड़ों के लिए तमाम दिक्कतें पैदा करते हैं, बल्कि रक्तप्रवाह में भी मिल सकते हैं. इससे दिल की बीमारी, कैंसर और अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा पैदा हो सकता है.


इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शोध में पाया गया है कि गैस स्टोव की वजह से आउटडोर प्रदूषण से ज्यादा प्रदूषण घर में पैदा हो सकता है. इससे सबसे ज्यादा असुरक्षित अगर कोई है तो वे बच्चे और वृद्ध लोग हैं. एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में बचपन के अस्थमा के 8 मामलों में से एक मामला गैस कुकर के इस्तेमाल की वजह से पैदा होता है. इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर फ्रैंक केली ने कहा कि घर के अंदर के वायु प्रदूषण का प्रमुख सोर्स गैस कुकर हैं. ये अस्थमा और बाकी हेल्थ प्रॉब्लम्स को बढ़ा सकते हैं. 


छोटे घरों में हालात और भी बदतर


एक अध्ययन में पाया गया है कि गैस स्टोव का इस्तेमाल करने वाले दक्षिणी कैलिफोर्निया के लोग नियमित रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और फॉर्मलाडेहाइड के अधिक स्तर के संपर्क में आ रहे हैं, जो अमेरिकी अधिकारियों द्वारा आउटडोर प्रदूषण के लिए निर्धारित सुरक्षा सीमा से ज्यादा है. अच्छी वेंटिलेशन की कमी वाले छोटे घरों में इसकी समस्या और भी बदतर है. कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के प्रोफोसर स्टीफन लोफ्ट ने कहा कि प्रदूषित शहर में रहने के मुकाबले गैस स्टोव से जुड़े रहना ज्यादा जोखिम से भरा है. 


इलेक्ट्रिक स्टोव में बदलें अपना गैस स्टोव 


गैस स्टोव ग्लोबल वार्मिंग को भी बढ़ावा दे रहे हैं. अमेरिका में एक स्टडी में पाया गया है कि स्टोव से लीक होने वाली मीथेन का क्लाइमेट यानी जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव 5,00,000 पेट्रोल कारों से कार्बन डाइऑक्साइड एमिशन के बराबर है. यूरोपीय संघ में गैस पर खाना बनाने से 10 करोड़ से ज्यादा लोगों को इनडोर वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर का सामना करना पड़ सकता है. शोधकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर आपके पास गैस स्टोव को इलेक्ट्रिक स्टोव में बदलने का ऑप्शन है तो जरूर बदल लें. 


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