आंख हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग है. आंखें इतना ज्यादा सेंसटिव होती है कि घूव या एर एक छोटा सा कण चला जाए तो आप तुरंत में परेशान होने लगते हैं. आंख के अंदर कोर्निया पर अगर हल्का धूल लग जाए तो कोर्निया पर खरोंच पड़ने का डर लगा रहता है. इस पूरे प्रोसेस को कार्निल अब्रेशन कहते हैं. यह कॉन्टेक्ट लेंस, धूल या किसी  छोटे से कण के कारण हो सकती है. अगर आपको कार्नियल अब्रेशन की जरूरत है तो सबसे पहले क्या करना चाहिए? 


कॉर्नियल अब्रेशन में शुरुआत जांच


कार्नियल अब्रेशन का वक्त रहते इलाज नहीं किया गया तो यह इंफेक्शन बढ़कर कार्नियल अल्सर का रूप ले सकती है. 


कॉर्नियल अब्रेशन के लक्षण


कॉर्नियल अब्रेशन के शुरआती लक्षण में दर्द, धुंधला दिखाई देना, आंखों में दर्द, आंसू निकलना, आंख लाल होना, तेज रोशनी में किसी भी चीज को देखने में परेशानी होना.


कॉर्नियल अब्रेशन का पता चलने पर होने पर तुरंत ये काम करें


आंखों को पानी से साफ करें


कॉर्नियल अब्रेशन होने पर आंखों को साफ पानी या सेलाइन वॉटर से साफ करें.


बार-बार पलकें झपकाएं ताकि कोई भी छोटा कण हो तो आपकी आंखों से आराम से बाहर निकल जाए.


ऊपर वाले पलक को खींचकर नीचे की पलक पर लाएं ताकि आंसू के साथ आंख में फंसे कण भी निकल जाए. 


चोट को गंभीर होने से बचाने के लिए उठाएं ये कदम


आंख में कण जाने पर आंख खोलने बंद होने में गंभीर परेशानी हो रही है तो उसे निकलाने की कोशिश करें. 


जब भी आंख में चोट लगे या कोई कण फंस जाए तो आंखों को रब न करें.


आंख को कॉटन की पट्टी के जरिए छुने की कोशिश न करें. 


अगर आपको आंख में किसी तरह की दिक्ककत है तो कॉन्टैक्ट लेंस न पहनें


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Kidney Care Tips: इस बदलते मौसम में बैक्टीरिया डैमेज कर सकता है किडनी, बचना है तो करें ये उपाय