New Covid variant: नया रूप लेकर फिर लौटा कोरोना, डॉक्टर से लेकर साइंटिस्ट तक सबको सताने लगा डर
कोविड का नया BF.7 वेरिएंट बेहद घातक बताया जा रहा है. वहीं XXB वेरिएंट तेजी से लोगों को अपनी चपेट में लेता है. डॉक्टर चिंतित है कि लोगों ने सावधानी नहीं बरती तो नतीजे भयानक हो सकते हैं.
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Corona In India: कोरोना ने देश ही नहीं दुनिया में कहर बरपाया. डेल्टा वेरिएंट ने तो हजारों लोगों की जान ले ली. वैक्सिनेशन के बाद लोगों के इम्यून सिस्टम मजबूत हुआ और जो इंफेक्टेड हुए, उनमें भी खुद का प्रतिरोधी तंत्र विकसित हो गया. इसी कारण ओमिक्रोन वायरस देश में उतना खतरनाक नहीं रहा. डरावनी बात ये है कि लोगों की बॉडी में जिंदा रहने के लिए वायरस ने खुद को तेजी से म्युटेट करना शुरू कर दिया है. कोविड के नए वेरिएंट BF.7 ने देश में दस्तक दे दी है. ये XXB वेरिएंट महाराष्ट्र, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में लोगों को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है. विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगले दो से 3 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं. अगर सावधानी नहीं बरती तो देश के कोने कोने में अपने पैर पसार सकता है. लोगों को मास्क पहनने, दो गज दूरी बनाने और सैनिटाइज का यूज करने की जरूरत है. वायरस क्या है, कैसे म्यूटेट हुआ, कैसे वेरिएंट की पहचान होगी, आपको सारी जानकारी यहां मिल जाएगी.
- पहले BF.7 को जान लीजिए
BF7 को 'ओमिक्रोन स्पॉन के नाम से भी जाना गया है. सबसे पहले यह चीन के मंगोलिया में मिला. वहां से China के कई राज्यों में फेल चुका है. पिछले दो सप्ताह में अमेरिका में इसके केसेज बढ़कर दोगुने हो गए हैं. यूरोपियन कंट्री यूके, जर्मनी और फ्रांस में भी इसका इंफेक्शन ग्रोथ का आंकड़ा बढ़कर 15 से 25% तक हो गया है.
INDIA में कहां मिला
गुजरात के बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में बीएफ 7 का पहला केस मिला है. डॉक्टरों का कहना है कि अगले 2 से 3 सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हैं. दिवाली पर्व पर लोगों की भीड़ बाजारों में जमा होगी. इससे इंफेक्शन का खतरा और बढ़ जाएगा.
इस तरह से अटैक कर रहा वायरस
स्टडी के मुताबिक, नया वायरस इम्यून सिस्टम को दगा देता है, साथ ही इंफेक्शन या वैक्सिनेशन से बनी एंटीबॉडीज को भी आसानी से चमका दे रहा है. जो व्यक्ति पूरी तरह से वैक्सिनेटिड हैं या फिर कोविड की वजह से उनमें एंटीबॉडी बनी हुई हैं. इस नए वैरिएंट से उन्हें भी बीमार होने का खतरा है. यह घातक इसलिए भी है कि अभी तक जो वायरस सामने आए, उनमें दूसरों को बीमार करने के लिए अधिक वायरल कणों की जरूरत थी. इस मामले में यह वेरिएंट अलग है. इसका हलका एक्सपोजर भी व्यक्ति को बीमार बना सकता है.
लक्षण जानिए
BF7 में यदि Symptoms की बात करें तो कोरोना परिवार का होने के कारण इसके अधिकांश लक्षण कोविड-19 वायरस जैसे ही हैं. खांसी, जुकाम, बुखार, नाक का चलना कॉमन हैं, जो सबसे अलग उभरकर सामने आया है,वो है पूरी बॉडी में दर्द का होना. डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति की बॉडी में कोरोना के कॉमन लक्षण के साथ दर्द बना हुआ है तो तुरंत चैकअप कराने की जरूरत है. हो सकता है कि नए वेरिएंट की गिरफ्त में हो.
- अब XBB वेरिएंट को समझिए
सिंगापुर में अगस्त में XBB वायरस मिला. यह BA.2.75 और BJ.1 को मिलकर बना हाईब्रिड वेरिएंट है. यह विश्व के 17 देशों में फेल चुका है. वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस की स्पाईक प्रोटीन की सतह में बदलाव के कारण इस वायरस का जन्म हुआ है. भारत में बीए 2.75 के केसों की संख्या 88%, जबकि XBB का 7% है. इसी वायरस ने पूरे सिंगापुर को अपनी चपेट में ले लिया था. हालांकि अभी वहां केसों की संख्या घट रही है. अमेरिका में अभी एक्सबीबी वायरस कहर बरपा रहा है.
जान जाने का खतरा कम
XBB वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि इसके लक्षण उतने खतरनाक नहीं है, जितने इसके परिवार के दूसरे सदस्यों के हैं. लेकिन जो परेशान करने वाली बात है, वो ये है कि यह बहुत तेजी से म्युटेट होता है. इसी म्यूटेशन के कारण देश की बड़ी आबादी में इस वायरस की चपेट में आ सकती है. इसके लक्षण भी पुराने कोरोना वायरस जैसे ही हैं.
अधिक लोगों को इसलिए ले सकता है चपेट में
वैज्ञानिकों के अनुसार, XBB इसलिये अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है क्योंकि इसकी भी प्रोटीन सरफेस की बाहरी सतह में बदलाव देखा गया है. इससे वायरस में इम्यून इन्वेजन हुआ. इम्यून इन्वेजन का अर्थ है कि जिन लोगों में कोविड वैक्सिनेशन और इंफेक्शन के बाद एंटी बॉडी बनी. वायरस उनसे लड़कर भी बॉडी को बीमार बनाने में कामयाब हो गया.
जीनोम सिक्वेंसिंग से चलेगा वेरिएंट का पता
कोविड जांच में बस कोरोना होने की पुष्टि होती है. इससे यह पता नहीं चल पाता कि किस वेरिएंट की गिरफ्त में आप हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वेरिएंट के बारे में जानने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग कराए जाने की जरूरत है. इसे जीनोम मैपिंग भी कहा जाता है. यह सामान्य रूप से DNA और RNA से जुड़ा हुआ है. जीनोम मैपिंग में जीन में आये बदलाव,एक जीन से दूसरे जीन के बीच की दूरी, तय जगह पर जीन का न होना जैसा सबकुछ देखा जाता है. यदि जीन में फेरबदल होता है तो यही वायरस का म्यूटेशन कहलाता है. ओमिक्रोन, डेल्टा या फिर अब BF.7, XXB की पहचान करनी है तो जीनोम सिक्वेंसिंग से ही मुमकिन है. हां, दोनों नए वायरस में दर्द एक लक्षण बनकर उभरा है, ऐसे में खांसी, जुकाम, गला खराब के साथ दर्द है तो समझ सकते है कि इन दोनों में से ही किसी वायरस की आप गिरफ्त में हैं.
कहां मिला XBB?
महाराष्ट्र
- 18 केस
ओडिशा
- 33 केस
पश्चिम बंगाल
- 17 केस
तमिलनाडु
- 16 केस
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