Coronavirus case in India: देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना वायरस का संक्रमण हर किसी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना के कारण बच्चे भी संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. इस बीच एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि अस्पताल में कोरोना संक्रमित बच्चों में से 44 प्रतिशत में न्यूरोलॉजिकल लक्षण विकसित हुए हैं और इन बच्चों को अपने साथियों की तुलना में गहन देखभाल की आवश्यकता थी.


जर्नल पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी में प्रकाशित निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि सबसे आम न्यूरोलॉजिक लक्षण सिरदर्द और बदली हुई मानसिक स्थिति थी, जिसे एक्यूट एन्सेफैलोपैथी के रूप में जाना जाता है. पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय की मुख्य लेखिका एरिका फिंक ने कहा, "सार्स-सीओवी-2 वायरस बाल रोगियों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है, यह तीव्र बीमारी का कारण बन सकता है."


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अस्पताल में भर्ती 1,493 बच्चों में से 1,278 बच्चों में तीव्र सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित पाए गए. वहीं 215 बच्चों में एमआईएस-सी, या बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण दिखे, जो आमतौर पर वायरस को साफ करने के कई सप्ताह बाद प्रकट होता है.


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तीव्र कोविड -19 से जुड़ी सबसे आम तंत्रिका संबंधी अभिव्यक्तियां सिरदर्द, तीव्र एन्सेफैलोपैथी और दौरे थे, जबकि एमआईएस-सी वाले युवाओं में अक्सर सिरदर्द, तीव्र एन्सेफैलोपैथी और चक्कर आना होता था. दोनों स्थितियों के दुर्लभ लक्षणों में गंध की हानि, दृष्टि हानि, स्ट्रोक और मनोविकृति शामिल हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.