Don’t Be Community Spreader: पिछले कुछ दिनों में तेजी से कोरोना मामलों में बढ़ोतरी हुई है ऐसे में एक अच्छे नागरिक के बतौर आपकी ये जिम्मेदारी बनती है कि इसे फैलाने से रोकें. बुखार आने पर कैजुअल न रहें, हो सकता है आपकी इम्यूटी अच्छी हो लेकिन आपके संपर्क में आने वालों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़े. बुखार होने पर कोरोना की जांच करायें और जानकर इस बीमारी को अपनी कम्यूनिटी में फैलायें नहीं. जितना हो सके उतना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
कम्यूनिटी स्प्रेडर न बनें
बुखार आने पर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझें और लोगों को इंफेक्ट ना करें. अगर खुद को बुखार है और कोई अनजाने में आपके घर आता है या मिलने आता है तो उससे दूर से ही इस बारे में सचेत करें. ये फेस्टिव टाइम है और लॉन्ग वीकेंड है लेकिन अगर बुखार के थोड़े भी लक्षण हैं तो लोगों से सोशल ना हों. बच्चे को अगर हल्का फीवर है या सर्दी खांसी है तो उसे स्कूल ना भेजें. मेडिकल स्टोर जाने, डॉक्टर के पास जाने या रूम से निकलने पर मास्क जरूर लगायें. अपने डोमेस्टिक हेल्पर को भी इसके बारे में इंफॉर्म करें या उसे अपने कमरे से दूर रखें.
फीवर आने पर आइसोलेट करें
फीवर आने से पहले बॉडी पेन, सर्दी , गले में दर्द ये सभी लक्षण आते हैं तो समझ जायें और खुद को पहले ही आइसोलेट कर लें. फीवर आने पर खुद को 2-3 दिन के लिये खुद को क्वारंटीन रखें.
मास्क सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें
क्वारंटीन रहने के साथ साथ मास्क भी जरूरी है और जिस कमरे में हैं वहां मास्क लगाकर रहें. अगर डॉक्टर के पास जाना है तो भी बिना डबल मास्क के न जायें. याद रखें कि डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं ऐसे में खुद को भी इस बीमारी को फैलाने से रोकना है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Heart Health: कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है, किसमें है जान बचने की ज्यादा संभावना?