Corona Vaccination: नाकाम साबित हुई वैक्सिनेशन में प्राइवेट सेक्टर को शामिल करने की पॉलिसी, सरकार के आंकड़े दे रहे गवाही
Corona Vaccination: केंद्र सरकार ने ढाई महीने पहले वैक्सीन का 25 प्रतिशत प्राइवेट सेक्टर के लिए रिजर्व करने का फैसला किया था. आंकड़ों के अनुसार ये अस्पताल अब तक केवल 7 प्रतिशत टीकाकरण ही कर पाए है.
Corona Vaccination: केंद्र सरकार ने देश भर में वैक्सिनेशन ड्राइव में तेजी लाने के लिए लगभग ढाई महीने पहले प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों को भी इसमें शामिल किया था. सरकार ने देश में निर्मित वैक्सीन का 25 प्रतिशत इन प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों के लिए रिजर्व करने का फैसला किया था. हालांकि उसके अपने आंकड़ों के अनुसार प्राइवेट सेक्टर अपने कोटे में से अब तक केवल 7 प्रतिशत टीकाकरण ही कर पाया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जुलाई को मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसको लेकर सवाल पूछा था. जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 1 मई से 15 जुलाई 2021 तक प्राइवेट केंद्रों पर लगभग 7 प्रतिशत वैक्सिनेशन हुआ है. इसके बाद से ही कई हेल्थ एक्स्पर्ट प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन का 25 प्रतिशत कोटा दिए जाने को लेकर सवाल उठा रहे हैं. कई राज्य सरकारों ने भी केंद्र से इस कोटे में कमी या पूरी तरह से खत्म करने का आग्रह किया है.
प्राइवेट अस्पताल के मॉडल के साथ फिट नहीं बैठता वैक्सिनेशन
People’s Health Movement के डॉक्टर टी सुंदररमन के अनुसार, "केंद्र सरकार प्राइवेट केंद्रों पर वैक्सिनेशन को लेकर राज्य सरकारों पर जोर दे रही हैं. इतनी कोशिशों के बाद भी प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सिनेशन बेहद धीमी गति से हो रहा है. इसका कारण ये है कि प्राइवेट अस्पताल के ढांचे के साथ वैक्सिनेशन का कार्य किसी भी तरह से फिट नहीं बैठता है. इसीलिए ये अस्पताल इसमें रूचि नहीं दिखा रहे हैं."
जेएनयू के सेंटर ऑफ सोशल मेडिसिन एंड कम्यूनिटी हेल्थ के प्रोफेसर, डॉक्टर रमा बारू के मुताबिक, "वैक्सिनेशन के ये खराब आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि प्राइवेट अस्पताल प्रीवेंटिव हेल्थ और लोगों की भलाई को लेकर नहीं सोचते हैं. जब से सरकार ने इनके लिए वैक्सीन के दामों को रेगुलेट किया है उन्हें इसमें किसी प्रकार का फायदा होता नहीं दिख रहा है. जब तक ये अस्पताल वैक्सीन के लिए मनमाने दाम ले पा रहे थे तब तक ही उन्हें इसमें इंटरेस्ट था."
ज्यादातर लोग प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगवाना नहीं कर सकते अफोर्ड
वहीं टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेज (TISS) में अर्थशास्त्री, प्रोफेसर आर रामकुमार ने कहा, "ज्यादातर लोग इन प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगवाना अफोर्ड नहीं कर सकते. प्राइवेट सेक्टर को कितनी प्रतिशत वैक्सीन देनी हैं, जब तक केंद्र सरकार ने ये फैसला राज्यों पर छोड़ रखा था, तब तक सब कुछ सही चल रहा था. यदि हम इसी पॉलिसी के साथ चलते तो ये आंकड़े बेहतर हो सकते थे."
यह भी पढ़ें
त्रिपुरा: 'हाउस अरेस्ट' हुई प्रशांत किशोर की टीम, अभिषेक बनर्जी ने इसे बीजेपी को TMC का डर बताया
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )