नई दिल्लीः कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है. दुनियाभर में अबतक 3 करोड़ 44 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. वहीं इस महामारी के कारण अभी तक 10 लाख 27 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कई देशों में वैज्ञानिकों की टीमें इस पर काम कर रही हैं. वहीं हाल ही में रूस ने कोरोना वायरस संक्रमण पर सफल इलाज का दावा करते हुए पहली कोरोना वैक्सीन को उतारा था. वहीं अब कोरोना वैक्सीन की ओर एक और कदम बढ़ाते हुए रूस की एक और वैक्सीन ने अपना पहला क्लीनिकल टेस्ट पास कर लिया है.
साइबेरिया में रूस की वेकटर एक शीर्ष गुप्त राज्य विषाणु विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने कहा है कि प्रारंभिक चरण के परीक्षण में रूस की दूसरी कोरोना वैक्सीन को सफलता हाथ लगी है. इसका नाम एपिवाकोरोना बताया जा रहा है. वेकटर के प्रेस विभाग ने इंटरफेक्स समाचार एजेंसी को बताया, "क्लिनिकल ट्रायल के पहले दो चरणों में एपिवाकोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता और सुरक्षा का प्रदर्शन किया गया था."
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने इस सप्ताह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया कि वेकटर के टीके को तीन सप्ताह में मंत्रालय की ओर से अनुमोदित किया जा सकता है. इस पर वेकटर की ओर से कहा गया कि पंजीकरण के बाद क्लिनिकल परीक्षण साइबेरिया में 5,000 वॉलेंटियर पर शुरू होगा. लैब ने कहा कि एक अलग क्लिनिकल परीक्षण होगा जिसमें 150 वॉलेंटियर शामिल होंगे जो 60 वर्ष से अधिक आयु के हैं.
बता दें कि रूस ने अगस्त में घोषणा की कि उसने दुनिया का पहला पंजीकृत टीका विकसित किया है. जिसका नाम "स्पुतनिक वी" रखा गया था.
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