Vaccination Strategy: आखिर क्यों कुछ देश बच्चों के लिए कर रहे हैं कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज की सिफारिश?
Vaccinaiton Strategy For Children: एक दुर्लभ साइड इफेक्ट मायोकार्डिटिस कोविड-19 वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद होता है. स्वास्थ्य अधिकारी बच्चों के लिए सिंगल डोज की सिफारिश कर रहे हैं.
New Vaccinaiton Strategy: एक दुर्लभ साइड इफेक्ट की चिंता ने कुछ देशों को बच्चों के लिए कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की नई रणनीति अपनाने पर मजबूर कर दिया है. कोविड-19 वैक्सीन की दूसरे डोज के बाद बच्चों में होने वाला दुर्लभ साइड इफेक्ट मायोकार्डिटिस (Myocarditis) है. मायोकार्डिटिस से दिल के मसल्स में सूजन और लालिमा आने लगती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंग्लैंड, नार्वे और हांगकांग समेत कई देशों के अधिकारियों ने 12 वर्षीय और उससे अधिक उम्र वाले बच्चों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन का सिंगल डोज लगाए जाने की सिफारिश की है.
बच्चों के लिए टीकाकरण की नई रणनीति
कवायद का मकसद कोरोना वायरस से आंशिक सुरक्षा देते हुए संभावित साइड इफेक्ट्स जैसे मायोकार्डिटिस के जोखिम को कम करना है. रिपोर्ट के मुताबिक इस आयु ग्रुप में एमआरएनए की वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद कभी-कभार देखा जाने वाला रिएक्शन मायोकार्डिटिस है. उन देशों के स्वास्थ्य अधिकारी विशेष तौर पर बढ़ते हुए डेटा के बारे में चिंतित हैं. उससे पता चला है कि दिल का सूजन मायोकार्डिटिस किशोर और युवा वयस्कों में टीकाकरण के बाद ज्यादा आम हो सकता है. हालांकि, सिर्फ एमआरएनए वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद जोखिम बहुत कम और महत्वपूर्ण है. लेकिन संख्या ने जोखिम-फायदों के गणित को उन देशों में बदल दिया है जहां संक्रमण के नए मामले ज्यादातर कम हैं.
दुर्लभ साइड इफेक्ट पर सिंगल डोज का सुझाव
रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले महीने 12-17 वर्षीय बच्चों को फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन के सिंगल डोज की सिफारिश की गई. विशेषज्ञों ने एमआरएनए वैक्सीन के दूसरे डोज के बाद दिल का सूजन जैसे साइड इफेक्ट की रिपोर्ट देखकर फैसला लिया. इंग्लैंड और नार्वे में भी अधिकारी 12-15 वर्षीय बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के सिंगल डोज सिफारिश कर रहे हैं और अतिरिक्त डेटा के आने तक दूसरे डोज पर फैसले का इंतजार करने की बात कही. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक पेरिकार्डिटिस और मायोकार्डिटिस के मामले ज्यादातर पुरुष किशोरों और युवा वयस्कों में एमआरएनए की कोविड-19 वैक्सीन के पहले डोज के मुकाबले दूसरे डोज लगाने के बाद हुए.
अमेरिका की इंफेक्शियस डिजीज सोसायटी के प्रवक्ता डॉक्टर आरोन ग्लाट ने रिपोर्ट पर रोशनी डालते हुए फॉक्स न्यूज से कहा, "ये नई रणनीति निश्चित रूप से सार्थक मूल्यांकन है. असर करने की स्थिति में उसमें सैद्धांतिक और व्यावहारिक फायदे हैं." हालांकि, उन्होंने चेताया कि उसे साबित करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त रिसर्च होना चाहिए. उनका कहना है कि मानक दृष्टिकोण का प्रदर्शन और विश्लेषण किया जाना बाकी है. स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी की वेबसाइट पर कहा गया, "ये रिपोर्ट दुर्लभ हैं और रिकार्डिटिस और मायोकार्डिटिस के संभावित जोखिम से कोविड-19 वैक्सीन लगवाने के संभावित फायदे अधिक हैं."
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