कोविड-19 का वायरस पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए कम घातक है. लेकिन दूसरी तरफ पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कोरोना संक्रमण के बाद ज्यादा स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं. वहीं विशेषज्ञों ने भी इस सबके बीच महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई है. कई मामले ऐसे हैं जिनमें कोविड संक्रमण से जूझ चुकी महिला के मासिक धर्म में काफी बदलाव देखने को मिला है.
हालांकि महिलाओं की स्थिति जेनिटिक और बॉयोलॉजिकल स्ट्रक्चर की वजह से पुरुषों से थोड़ी बेहतर है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं में हार्मोनल और एंडोक्राइनल बदलाव देखने को मिल रहे हैं. जो ना सिर्फ मासिक धर्म बल्कि प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है. ऐसे कई केस सामने आए हैं कि जिन महिलाओं में कोविड संक्रमण के बाद मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं सामने आई हैं उनमें कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ज्यादा बढ़ गई हैं.
इन समस्याओं में मानसिक तनाव, जीवन में मुश्किलें जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं. इस सबमें अजीब बात ये है कि इन समस्याओं की शिकायत करने वाली सभी महिलाओं में कोविड संक्रमण के बाद कम से कम मासिक धर्म में एक बदलाव जरूर आया है. जो साफ कर देता है कि कोरोना वायरस महिलाओं के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी बेहद अहम कड़ी हैं. ऐसी महिलाओं में मासिक धर्म में बदलाव ना सिर्फ चिंता का सबब है बल्कि ये महिलाओं में लंबे वक्त तक प्रभाव छोड़ने वाली बीमारियों की वजह बन सकते हैं.
अब हम आपको बताते हैं वो तीन तरीके जिनसे पता किया जा सकता है कि क्या कोई महिला कोविड संक्रमण से उबरने के बाद इससे जुड़ी स्वास्थ्य परेशानियों का सामना कर रही है.
- 1. ऐसी महिलाएं जो हाल ही में कोविड संक्रमण से उबरी हैं और उन्होंने अपने मासिक धर्म में अनियमितता देखी हो. मासिक चक्र में गड़बड़ी, मुश्किल दिनों में ज्यादा दर्द का सामना करना पड़ रहा हो, या फिर हार्मोनल बदलाव का सामना कर रही हों.
- 2. कोविड से उबर चुकी कुछ महिलाओं ने पीरियड मिस करने की भी शिकायत की है. साथ ही ऐसी महिलाओं ने पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग का भी सामना किया है.
- 3. हालांकि डॉक्टर्स की तरफ से महिलाओं को हो रही इन परेशानियों के पीछे के कारणों को लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं कहा गया है, लेकिन मासिक धर्म में बदलाव को कोरोना संक्रमण की वजह से पनपे तनाव और डर को वजह माना जा रहा है. जो ना सिर्फ हार्मोन्स में बदलाव और प्रजनन क्षमता पर असर का कारण बन सकता है.