एक तरफ दुनिया भर में कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हो चुका है तो वहीं यूके और साउथ अफ्रीका में इस जानलेवा वायरस के एक और नए वेरिएंट मिलने से दहशत फैल गई है. एक ताजा स्टडी के मुताबिक दक्षिक अफ्रीका और यूके मे मिला नया वेरिएंट पहले के वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. वैज्ञानिकों ने पहले ही दावा किया था कि साउथ अफ्रीका में मिला वेरिएंट कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता में कुछ बाधा उत्पन्न कर सकता है.
साउथ अफ्रिका में मिला न्यू वेरिएंट ज्यादा संक्रामक है
नये साउथ अफ्रिकन वेरिएंट को "501Y.V2" नाम दिया गया है. यह सार्स-CoV-2 का एक वायरस है, जो कोविड 19 का कारण बनता है. नया वेरिएंट(संस्करण) दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के नेल्सन मंडेला बे महानगरीय क्षेत्र में पाया गया है. वायरस के नए स्ट्रेन में "स्पाइक" प्रोटीन में एक जेनेटिक म्यूटेशन शामिल है जो लोगों में वायरस के तत्काल और आसान प्रसार का कारण हो सकता है. स्पाइक प्रोटीन वह है जो मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए कोरोनावायरस का लीड करता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वायरस स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन में रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (आरबीडी) में तीन म्यूटेशन की वजह से वेरिएंट ह्यूमन सेल्स में अधिक आसानी से प्रवेश कर सकता है.
ह्यूमन सेल्स में आसानी से प्रवेश कर जाता है न्यू वेरिएंट
प्रिप्रिंट प्लेटफॉर्म बायोरेक्सिव में प्रकाशित एक हालिया स्टडी जिसकी अभी तक समीक्षा भी की जा रही है,उसके मुताबिक 501Y.V2 के स्पाइक प्रोटीन के नौ भागों में म्यूटेशन है, जो ह्यूमन सेल्स में प्रवेश करने और संक्रमित करने में अधिक कुशल बनाता है.
वहीं शोधकर्ताओं ने कोविड से रिकवर हुए लोगों की बॉडी से न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी लेने के बाद, नए वेरिएंट के खिलाफ इसका टेस्ट किया. जिसके बाद निष्कर्ष निकाला गया कि 44 में से 21 नमूनों की इस संस्करण के खिलाफ कोई पता लगाने योग्य न्यूट्रलाइजिंग एक्टिविटी नहीं थी.
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