विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना महामारी से बच्चे बहुत कम प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 20 साल की उम्र के लोग 10 फीसद से भी कम कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं. जबकि 0.2 फीसद से भी कम 20 साल से नीचे की उम्र के लोगों की कोविड-19 के कारण मौत हुई है.


बच्चों को कोरोना वायरस का कम खतरा: WHO


WHO के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसुस ने कहा,"हम जानते हैं कि कोरोना वायरस बच्चों की जान ले सकता है लेकिन संक्रमण के कम मामले देखे गए हैं." उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित होनेवालों और उससे मरनेवालों की संख्या में काफी अंतर है. कोरोना वायरस की चपेट में आनेवाले बच्चों में संभावित लंबे समय तक स्वास्थ्य के प्रभाव छिपे रहते हैं. हालांकि बच्चों पर वायरस के सबसे गंभीर प्रभाव कम ही देखने को मिलते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं में महामारी के खतरे और मौत के आंकड़ों को समझने के लिए अतिरिक्त शोध की जरूरत है.


20 साल से कम उम्र के लोगों की मौत भी कम


WHO का कहना है कि बच्चों और किशोरों पर अलग तरह से कोरोना वायरस का प्रभाव देखने में आ रहा है. WHO प्रमुख ने कई ऐसे देशों का उदाहरण दिया जहां जरूरी न्यूट्रिशन और प्रतिरक्षा की सेवाएं बाधित हो चुकी हैं. उन्होंने बच्चों के हवाले से कहा कि उनकी सुरक्षा का जिम्मा न सिर्फ सरकार और परिवार को उठाना चाहिए बल्कि समुदाय को भी ध्यान देना चाहिए. उनके साथ समुदाय को अच्छा रवैया अख्तियार करना चाहिए. जहां स्कूल अभी तक खोले नहीं गए हैं, वहां डिस्टेंस लर्निंग के जरिए शिक्षा पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.


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