Coronavirus: बांग्लादेशी डॉक्टर के तीसरी बार संक्रमित होने का चला पता, बताया गया दुनिया का पहला मामला
एक बांग्लादेशी डॉक्टर को कोरोना वायरस ने तीसरी बार अपनी चपेट में ले लियास्थानीय मीडिया के मुताबिक, तीसरा संक्रमण दुनिया में पहली बार सामने आया है
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Coronavirus: अभी तक छिटपुट जगहों से दोबारा संक्रमण की खबरें आई हैं. मगर, एक बांग्लादेशी डॉक्टर के कोरोना वायरस से तीसरी बार संक्रमित होने का पता चला है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीसरी बार संक्रमण का मामला दुनिया में पहला है. सिर्फ डॉक्टर दास नाम से उनकी पहचान की गई है.
बांग्लादेशी डॉक्टर तीसरी बार कोरोना वायरस की चपेट में
बताया गया है कि अप्रैल में चिकित्सक को पहली बार कोरोना संक्रमण की जानकारी हुई. बीमारी को हराने और काम पर लौटने के बाद जुलाई में उन्हें बुखार, भूख की कमी और दर्द के लक्षण का सामना करना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने सात दिन तक घर पर आइसोलेशन में बिताए और निगेटिव टेस्ट आने के बाद काम पर लौटने की इजाजत दी गई. निगेटिव टेस्ट से पुष्टि हो गई कि डॉक्टर अपनी बीमारी से मुक्त हो चुके हैं. डॉक्टर का कोरोना वायरस का लक्षण एक बार फिर अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में उजागर हुआ और पॉजिटिव टेस्ट से वायरल बीमारी की पुष्टि हुई. डॉक्टर दास की उम्र का खुलासा नहीं हुआ है और ये भी नहीं पता चल पाया है कि क्या उन्हें पुरानी बीमारी थी.
दुनिया में पहली बार तीसरा संक्रमण का मामला उजागर
बुधवार को ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए पेकिंग यूनिवर्सिटी में पब्लिक हेल्थ के उप प्रमुख वांग पेउ ने कहा, "ये अपवाद मामला है और दो संभावित कारण हो सकते हैं. एक ये कि डॉक्टर का इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते एंटी बॉडी थोड़े समय के लिए शरीर में रही. जिसके चलते तीसरा संक्रमण हुआ. दूसरा संभावित कारण ये हो सकता है कि वायरस ने बड़े पैमाने पर म्यूटेशन किया होगा और असल में विकसित एंटी बॉडी वायरस से प्रतिरोध के लिए पर्याप्त नहीं बची होगी."
शोधकर्ताओं का कहना है उनका पेशा वायरस के जोखिम को बढ़ा देता है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि डॉक्टर दास में तीन अलग-अलग मौकों अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में लक्षण जाहिर हुए थे. ब्रिटिश विशेषज्ञों ने ये कहते हुए रिपोर्ट को 'बकवास' बताया है कि तीन अंश के आनुवांशिक तौर पर अलग होने का पता नहीं चल पाया है जिससे साबित किया जा सके कि ये मामला दोबारा संक्रमण का था. हो सकता है वायरस शरीर में महीनों निष्क्रिय रहने की वजह से तीन बार संक्रमण का कारण बना, लेकिन कोविड-19 के मामले में अभी साबित नहीं किया जा सका है.
कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी सिर्फ कुछ वक्त तक रह सकती है और इसलिए किसी शख्स को सामान्य जुकाम या फ्लू बार-बार हो सकता है. ब्रिटेन में कोविड-19 इम्यूटी पर सबसे बड़े शोध से खुलासा हुआ है कि दोबारा संक्रमण छह से 12 महीनों के बीच पहली बार कोविड से मुक्त होने के बाद हो सकता है.
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