Coronavirus: पूर्व में होने वाले कोरोना वायरस के हमले को 'याद' रखता है शरीर- रिसर्च
ताजा रिसर्च में खुलासा हुआ है कि शरीर को नए कोरोना वायरस के हमले से पहले ही थोड़ी सुरक्षा हासिल है. शोधकर्ताओं के मुताबकि, नतीजे वैज्ञानिकों को नए तरीके से इलाज और पहचान की तकनीक के विकास, ब्लड प्लाज्मा के असर का पता लगाने और नई वैक्सीन बनाने या एंटीबॉडी थेरेपी में मदद कर सकते हैं. जिससे लोगों को कोरोना वायरस की नई किस्मों से बचाया जा सकेगा.
एक रिसर्च में खुलासा किया गया है कि पूर्व में कोरोना वायरस का संक्रमण नए कोरोना वायरस से होनेवाली बीमारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम को तैयार कर सकती है. हो सकता है आपको जानकारी न हो, मगर कई किस्मों के कोरोना वायरस हैं, उनमें से अधिकतर सामान्य नजला, जुकाम जैसी बीमारियों की वजह बनते हैं.
पूर्व के कोरोना वायरस संक्रमण को शरीर 'याद' रखता है
सार्स-कोवि-2 के अलावा 2012 में मार्स-कोवि और 2003 में सार्स कोवि-1 का प्रकोप जाहिर हो चुका है. नए रिसर्च में शोधकर्ताओं ने जांचा कि कैसे कोरोना वायरस इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और एंटीबॉडी रिस्पॉन्स कैसे काम करता है. अमेरिका के ट्रांजलेशनल जिनोमिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्च में शामिल विशेषज्ञों का कहना है, "नतीजों से पता चलता है कि कोविड-19 का वायरस शरीर में एक ऐसी एंटीबॉडी रिस्पॉन्स को उभार सकता है जो वर्तमान महामारी से पहले इंसानों में मौजूद था.
नए कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा मिलने का खुलासा
इसका मतलब हुआ कि हमारे पास इस कोरोना वायरस के खिलाफ पहले से ही थोड़ी सुरक्षा हासिल है." शोधकर्ताओं के मुताबकि, नतीजे वैज्ञानिकों को नए तरीके से इलाज और पहचान की तकनीक के विकास, ब्लड प्लाज्मा के असर का पता लगाने और नई वैक्सीन बनाने या एंटीबॉडी थेरेपी में मदद कर सकते हैं. जिससे लोगों को कोरोना वायरस की नई किस्मों से बचाया जा सकेगा. रिसर्च 19 जनवरी को सेल रिपोर्ट्स मेडिसीन पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि रिसर्च से ये भी समझने में मदद मिल सकती है कि नया कोरोना वायरस कुछ लोगों में हल्का लक्षण या कोई लक्षण की वजह क्यों बनता है, जबकि कुछ लोगों को गंभीर लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ जाती है, जिसका अक्सर नतीजा मौत होता है. शोधकर्ताओं ने बताया कि नतीजे एंटीबॉडी रिस्पॉन्स के स्वभाव की संभावना को बढ़ाते हैं कि पूर्व के कोरोना वायरस का संक्रमण कोविड-19 बीमारी के इलाज को प्रभावित कर सकता है. आपको बता दें कि इससे पहले अक्तूबर 2020 में भी एक रिसर्च से संकेत मिला था कि अतीत में होनेवाले सामान्य नजला, जुकाम कोविड-19 से किसी हद तक सुरक्षा दे सकता है.
Coronavirus: क्या कोविड-19 की वैक्सीन मोटापा से पीड़ित लोगों के लिए कम प्रभावी होगी? जानिए
Bird Flu Scare: अंडे और चिकन को सुरक्षित तरीके से खाएं, FSSAI ने जारी की ये गाइडलाइन्स
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )