Coronavirus case in India: देश और दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज लाखों की संख्या में लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. इस बीच वैक्सीन को कोरोना के खिलाफ कारगर हथियार माना जा रहा है. वहीं अब कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज भी कई देशों में दी जा रही है. इस बीच एक नई स्टडी में सामने आया है कि फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना, एमआरएनए कोविड-19 टीकों की तीन खुराक ओमिक्रोन और डेल्टा से जुड़ी जटिलताओं में बहुत प्रभावी है.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अध्ययन में पाया गया कि एमआरएनए कोविड टीकों के बूस्टर डोज ओमिक्रोन वेरिएंट की वजह से अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में 82 प्रतिशत प्रभावी हैं. यह भी पाया गया कि ओमिक्रोन वेरिएंट से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने से बचाने के लिए बूस्टर शॉट 90 प्रतिशत प्रभावी हैं.
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इंडियाना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शॉन ग्रैनिस ने कहा, "हमारे निष्कर्ष महत्वपूर्ण सबूत प्रदान करते हैं कि बूस्टर शॉट अत्यधिक प्रभावी होते हैं और जो लोग टीकाकरण नहीं करवाते हैं उन्हें अधिक गंभीर कोविड -19 परिणामों का अनुभव करने का काफी अधिक जोखिम होता है और उन्हें जल्द से जल्द टीका लगाया जाना चाहिए."
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कोविड के डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ बूस्टर और भी अधिक प्रभावी हैं, दोनों कोविड डेल्टा वेरिएंट से जुड़े अस्पताल में भर्ती होने के 94 प्रतिशत के खिलाफ सुरक्षा करते हैं. सीडीसी ने छह अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ सहयोग किया ताकि कोविड वैक्सीन प्रभावशीलता का आंकलन करने के लिए एक विजन नेटवर्क तैयार किया जा सके.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.