Delta Variant: हालिया एक रिसर्च में पाया गया है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) टीकाकरण नहीं कराने वाली महिलाओं के बीच दिक्कतों के जोखिम को बढ़ा सकता है. शोधकर्ताओं ने मई 2020 से सितंबर 2021 तक कोविड-19 की गंभीर बीमारी का प्रेग्नेंट महिलाओं में विश्लेषण किया. रिसर्च में पाया गया कि कोरोना डेल्टा वेरिएंट बेहद संक्रामक है.


प्रेग्नेंट महिलाओं को कोविड के खिलाफ टीकाकरण की सलाह


American Journal of Obstetrics and Gynecology में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक 1515 प्रेग्नेंट महिलाओं में कोविड-19 की पुष्टि हुई. उनमें 82 को गंभीर मामले थे और 11 को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ी. इस दौरान दो प्रेग्नेंट महिलाओं की मौत हुई. रिसर्च से संकेत मिला कि 5 फीसद प्रेग्नेंट मरीजों ने मार्च 2021 तक कोविड-19 की गंभीर बीमारी से लड़ाई लड़ी. शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन प्रेग्नेंट महिलाओं का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके भविष्य की चिंता है.


कोरोना का डेल्टा वेरिएंट दिक्कतों के जोखिम को बढ़ा सकता है


रिसर्च से नतीजा निकाला गया कि डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि के बाद प्रेग्नेंट महिलाओं को गंभीर बीमारी होने की ज्यादा संभावना है और जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है उनको अस्पताल में भर्ती होने का ज्यादा खतरा है. शोधकर्ताओं ने प्रेग्नेंट महिलाओं से टीकाकरण कराने का आग्रह किया क्योंकि कोविड-19 की रोकथाम का ये सबसे अच्छा तरीका है. पिछले सप्ताह सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने चेतावनी जारी कर प्रेग्नेंट महिलाओं या प्रेग्नेंट होने की कोशिश करने वालों से कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण कराने को कहा था.


सीडीसी के मुताबिक 27 सितंबर तक 125,000 से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाओं में कोविड-19 के मामलों की पुष्टि हुई. उनमें से 22,000 को गंभीर रूप से संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और इस दौरान 161 की मौत हुई. गंभीर जोखिम के बावजूद सीडीसी ने रिपोर्ट की कि 18-49 वर्षीय 31 फीसदी प्रेग्नेंट महिलाओं ने कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण को पूरा किया. सीडीसी ने अपने स्वास्थ्य एडवायजरी में लिखा, "कोविड-19 का लक्षण होने पर प्रेग्नेंट महिलाओं को आईसीयू में जाने का दोगुना खतरा और मौत का जोखिम 70 बढ़ जाता है." 


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