कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है. हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद अब 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को वैक्सीन की डोज दी जा रही है. इसके साथ ही 45 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों का भी टीकाकरण किया जा रहा है. ऐसे में टीकाकरण से जुड़ी कुछ चीजों के बारे में सभी को जानना चाहिए.


क्या वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच शराब का सेवन नहीं करना चाहिए?
यह सच है कि क्रॉनिक, हैवी ड्रिंकिंग और बिंज ड्रिंकिंग आपके इम्युन सिस्टम पर असर डालता है. रोचेस्टर में मेयो क्लिनिक के प्रोफेसर और वैक्सीन रिसर्च ग्रुप के को-डायरेक्टर रिचर्ड कैनेडी कहते हैं कि कई हेल्थ रीजन हैं जिनके कारण शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. लेकिन दूसरे डोज के बाद आप ऑकेजनली शराब का सेवन कर सकते हैं और इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा.


यदि एक वैक्सीन की एफिसिएंशी रेट 92 फीसदी है तो क्या इसका यह मतलब है कि कोविड-19 होने की संभावना 8 फीसदी है?
टीके की प्रभावकारिता दर (एफिसिएंशी रेट) को लेकर बहुत से लोग कंफ्यूज रहते हैं. ड्र्यू यूनिवर्सिटी के एक वायरोलॉजिस्ट ब्रायन बार्कर कहते हैं कि ओवरसिप्लाइज करने की प्रवृत्ति से बहुत से लोगों को लगता है कि 92 प्रतिशत की प्रभावकारिता दर का मतलब होगा कि वैक्सीनेशन करवाने वाले 100 लोगों में से 8 महामारी के दौरान बीमार हो जाएंगे, लेकिन ऐसी बात नहीं है.


बार्कर के अनुसार, 92 प्रतिशत एफिसिएंशी रेट के वैक्सीन में बीमारी होने की आपकी संभावना 8 प्रतिशत से बहुत कम है. इसका मतलब है कि के यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में थे तो संक्रमित होने की संभावना 92 प्रतिशत कम होगी, यदि आपने वैक्सीनवेशन करवाया है.बार्कर के मुताबिक इसे ऐसे कहा जा सकता है कि टीकाकरण किए बिना आपके संक्रमित होने की 10 फीसदी संभावनी थी और टीका 92 फीसदी की प्रभावकारिता दर के साथ मिला है, तो आपके बीमार होने की संभावना 10 फीसदी से घटकर 1- 0.8 फीसदी से भी कम हो जाएगी.


क्या मैं एक प्रकार की वैक्सीन लगवाने के बाद दूसरी प्रकार की वैक्सीन लगवा सकता हूं ?
कोविड-19 को लेकर केंद्र सरकार ने एक प्रोटोकॉल बनाया है. इस प्रोटोकॉल के तहत किसी व्यक्ति को एक बार ही वैक्सीन दी जाती है. वैक्सीनेशन होने के बाद वह दूसरी वैक्सीन नहीं ले सकता.


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