Coronavirus: डेल्टा वेरिएन्ट के लक्षण कोविड के परंपरागत लक्षणों से कैसे अलग हैं? जानें
क्या डेल्टा वेरिएन्ट के लक्षण परंपरागत कोविड-19 के लक्षणों से अलग है? नए वेरिएन्ट्स, जैसे डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएन्ट्स बहुत विकसित हुए हैं.
हमें कोविड से घिरी दुनिया में रहते हुए अब 18 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. लेकिन वक्त गुजरने के साथ कोरोना वायरस विकसित हो रहा और उसके सबसे सामान्य लक्षणों में भी बदलाव आ रहे हैं. उभरते आंकड़े दिखाते हैं कि वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोग उन लक्षणों से बिल्कुल अलग अनुभव कर रहे हैं जिन्हें वैश्विक महामारी की शुरुआत में कोविड के साथ जोड़ कर देखा गया था.
ऑस्ट्रेलिया में कोविड के नए मामलों के लिए ये स्वरूप जिम्मेदार है और दुनिया भर में बहुत तेजी से फैल रहा है. वायरस इंसान को किस तरह बीमार करता है, ये दो अहम कारकों पर निर्भर करता है- वायरल कारकों में वायरस की खुद की प्रतिकृत बनाने की गति, संचरण के माध्यम और अन्य शामिल हैं. वायरस के विकास के साथ वायरल कारक बदल जाते हैं. पोषक (वायरस से संक्रमित व्यक्ति) कारक व्यक्ति विशेष पर आधारित होते हैं. आयु, लिंग, दवाइयां, आहार, व्यायाम, स्वास्थ्य एवं तनाव सभी पोषक कारकों को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए जब भी हम वायरस के संकेतों एवं लक्षणों की बात करते हैं, तो हम साधारणतया सामान्य लक्षणों और संकेतों की बात कर रहे होते हैं.
परंपरागत बनाम डेल्टा स्ट्रेन
उन्हें निर्धारित करने के लिए हमें व्यक्तिगत मामलों से सूचनाएं एकत्र करनी होती हैं. उनके आंकड़े एकत्र करना या उनका विश्लेषण हमेशा आसान नहीं होता. उदाहरण के लिए, बुजुर्गों में युवाओं से अलग लक्षण हो सकते हैं और अस्पतालों से मरीजों की जानकारी लेना जीपी क्लिनिक के मरीज से मिली सूचना से अलग हो सकता है. अब सवाल उठता है कि डेल्टा स्वरूप के समान संकेत एवं लक्षण क्या हैं? मोबाइल ऐप के जरिए खुद रिपोर्ट करने वाली प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए, ब्रिटेन से हासिल डेटा जाहिर करते हैं कि कोविड के आम लक्षण अब बदल गए हैं, जिसे हम वायरस से परंपरागत तौर पर जोड़कर देखते हैं.
कैसे दोनों के हैं अलग लक्षण?
बुखार और खांसी हमेशा से कोविड के सबसे आम लक्षण रहे हैं, सिरदर्द एवं गले में दर्द पारंपरिक रूप से कुछ लोगों में दिखता था, लेकिन नाक बहना पूर्व के मामलों में दुर्लभ था. सूंघने की शक्ति चली जाना मूल रूप में बेहद आम था, अब नौंवे स्थान का लक्षण बन गया है. लक्षणों के इस तरह से विकसित होने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि आंकड़े अस्पताल जाने वाले मरीजों से मिल रहे थे जिनके बीमार होने की संभावना ज्यादा थी और अधिक आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की उच्च दर होने की वजह से युवा लोगों में कोविड के मामले अब ज्यादा दिखने के साथ मध्यम लक्षण भी दिख रहे हैं.
इसकी वजह वायरस में क्रमिक विकास और डेल्टा स्वरूप की विभिन्न विशेषताएं भी हो सकती हैं. लेकिन लक्षण क्यों बदल रहे हैं, इसका सटीक जवाब निर्धारित करना मुश्किल हो रहा है. हमें डेल्टा स्वरूप के बारे में और जानने की जरूरत है, लेकिन इन उभरते आंकड़ों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि ये दिखाते हैं कि जिसे हम मामूली सर्दी-जुकाम मान रहे हैं, बहती नाक और गले में दर्द कोविड-19 का लक्षण हो सकता है.
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