Coronavirus: शोध में चौंकाने वाला खुलासा- स्पष्ट नहीं है कि एंटी बॉडीज शरीर में कितने समय तक रहती है
वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ वैक्सीन के साथ एंटी बॉडीज पर दुनिया में शोध हो रहा है.वैज्ञानिक इस बात पर शोध कर रहे हैं कि कोरोना संक्रमितों में एंटी बॉडीज कब तक रहती है.
कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए दुनिया जहां वैक्सीन जल्द से जल्द विकसित करने पर शोध कर रही है वहीं इस बात का पता लगाया जा रहा है कि संक्रमित लोगों में एंटी बॉडीज कब तक रहती है? एंटी बॉडीज संक्रमण को दूर करने में मददगार साबित होती है. कुछ बीमारियों में दोबारा संक्रमण के खतरे को रोकती है. हालांकि वैज्ञानिक कोरोना वायरस के हवाले से एंटी बॉडीज की भूमिका को लेकर निश्चित नहीं हैं. अभी ये भी स्पष्ट नहीं है कि एंटी बॉडीज शरीर में कितने समय तक रहती है.
एंटी बॉडीज पर शोध का सिलसिला जारी
चीन, ब्रिटेन और अमेरिका में संक्रमण के बाद एंटी बॉडीज के शरीर में मौजूदगी के समय को लेकर शोध किया गया है. इससे अलग UCLA की तरफ से किए गए शोध में कोरोना वायरस से संक्रमित 34 लोगों में एंटी बॉडीज का पता लगाया गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि औसत एंटी बॉडीज का लेवल ढाई महीने में कम होकर आधा हो गया. शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि समय गुजरने के साथ इसके कम होने का लेवल उसी तरह रहेगा. उन्होंने मामूली लक्षण या बिना लक्षण वाले संक्रमितों में कोरोना वायरस के खिलाफ कमजोर इम्यून रिस्पॉन्स देखा. अस्पताल से बाहर घरों में ठीक होनेवाले लोगों में एंटी बॉडी लेवल बहुत ज्यादा ऊंचा नहीं था.
कोरोना संक्रमण खत्म करने में क्या है भूमिका ?
इसके विपरीत अन्य लोगों के मुकाबले एंटी बॉडीज लेवल 10-100 गुणा ज्यादा पाया गया. हालांकि अभी ये शोध प्रकाशित नहीं किया गया है. दूसरी तरफ न्यूयॉर्क के एक शोध संस्थान ने करीब 20 हजार हल्के से मध्यम बीमार लोगों पर अध्ययन किया. उसने पाया कि 90 फीसद लोगों में एंटी बॉडीज रिस्पॉन्स करीब तीन महीने तक रहा. एंटी बॉडीज के जरिए कोरोना के वायरस को लैब में बेअसर कर दिया गया. शोध में शामिल एक वैज्ञानिक ने बताया कि ये मानना सही होगा कि एक से तीन साल की निश्चित अवधि तक सुरक्षा मुहैया हो. उन्होंने इसे साबित करने की जरूरत पर जोर दिया. उनका कहना है कि इसलिए इसके बारे में हर कोई गंभीर नजर आ रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग संक्रमित हो चुके हैं अब उन्हें देखना होगा कि क्या उनकी इम्यूनिटी रहती है और अगर रहती है तो कब तक रहेगी. सर्दी जुकाम का कारण बननेवाले चार मामूली कोरोना वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी कई साल तक नहीं रहती है. इसलिए एंटी बॉडी रिस्पॉन्स का समय संक्रमण के बड़ी बीमारी का कारण बनने पर निर्भर कर सकता है.
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