Coronavirus के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं कोरोना से बचाव के लिए किसी भी कोविड वैक्सीन की बूस्टर खुराक सुरक्षित होती है और उन लोगों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देती है, जिन्हें पहले कोई भी अधिकृत कोविड-19 वैक्सीन की पूर्ण खुराक मिल चुकी हो. यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (यूएस-एनआईएच) द्वारा किए गए प्रारंभिक नैदानिक परीक्षण में सामने आए निष्कर्षों से यह जानकारी मिली है.


द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में रिपोर्ट किए गए निष्कर्षों से पता चला है कि प्राथमिक और बूस्टर वैक्सीन के संयोजन से एंटीबॉडी के स्तर में वृद्धि हुई है (जो कि बूस्ट करने से पहले पाए गए स्तर की तुलना में 4.2 से 76 गुना अधिक है). इसी तरह, सभी प्राथमिक-बूस्ट संयोजनों ने बाध्यकारी एंटीबॉडी स्तर 4.6 से 56 गुना तक बढ़ा दिया. नई रिपोर्ट में 458 वयस्कों के निष्कर्षों का वर्णन किया गया है, जिन्हें अमेरिका में तीन अधिकृत कोविड टीकों फाइजर, मॉडर्ना या जॉनसन एंड जॉनसन में से किसी के साथ पूरी तरह से टीका लगाया गया था. नामांकन से कम से कम 12 सप्ताह पहले और जिनके पास सार्स सीओवी-2 संक्रमण का कोई इतिहास नहीं था.


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नामांकन के समय, प्रत्येक प्रतिभागी को एक एकल बूस्टर खुराक दी गई: 150 को जॉनसन एंड जॉनसन का टीका मिला; 154 प्राप्त मॉडर्ना और 154 को फाइजर-बायोएनटेक शॉट प्राप्त हुआ. इस आधार पर कि एक प्रतिभागी को कौन सा प्राथमिक टीका प्राप्त हुआ था, बूस्टर टीका या तो अलग (मिश्रित, या विषमलैंगिक) था या मूल टीका के समान (मैचिंग के साथ या पहले वाला टीका) था.


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परीक्षण प्रतिभागियों में तमाम दुष्प्रभाव पर नजर रखी गई. आधे से अधिक प्रतिभागियों ने सिरदर्द, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और अस्वस्थता की सूचना दी. हालांकि टीका संबंधी प्रतिकूल घटनाओं की कोई गंभीर सूचना नहीं मिली. प्रत्येक प्राथमिक कोविड वैक्सीन के लिए एक समरूप बूस्टर की प्रतिक्रियाओं की तुलना में हेटेरोलॉगस बूस्ट ने समान या उच्च एंटीबॉडी प्रतिक्रियाएं प्राप्त कीं.


सरल शब्दों में कहें तो मिक्स एंड मैच यानी कि अलग-अलग वैक्सीन प्राप्त करने वाले लोगों में भी एंटीबॉडी बढ़ी हुई मिली. अध्ययन से पता चलता है, ये आंकड़े दृढ़ता से सुझाव देते हैं कि समरूप और विषम बूस्टर वैक्सीन लक्षणों वाले सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रभावकारिता को बढ़ाएंगे. ये अंतरिम परिणाम बूस्टर टीकाकरण के बाद के शुरुआती 29 दिनों के दौरान उपलब्ध इम्युनोजेनेसिटी डेटा को कवर करते हैं. बूस्टर टीकाकरण का दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसका आकलन करने के लिए जांचकर्ता एक वर्ष तक प्रतिभागियों का अनुसरण करना जारी रखेंगे.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.