Covid case in India: कोरोना वायरस के कारण लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. कोरोना की तीसरी लहर भी अपना आतंक दिखा रही है और देश में लगातार हर रोज लाखों की संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. इस बीच कई लोगों की कोविड-19 के कारण जान भी जा रही है. कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट का आतंक देखने को मिला था. डेल्टा वेरिएंट काफी खतरनाक था और कई लोगों की मौत की वजह भी रहा. वहीं अब कोरोना के एक नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) से लोग संक्रमित हो रहे हैं. हालांकि ये कैसे पता लगाया जाए कि कोई कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित हैं या ओमिक्रोन से संक्रमित हैं? आइए जानते हैं.
कहा जा रहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि ओमिक्रोन काफी ज्यादा संक्रामक भी है. हालांकि कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप भी पता लगा सकते हैं कि कोई शख्स ओमिक्रोन से संक्रमित है या डेल्टा से. एक फ्रेंच स्टडी के मुताबिक कोरोना का ओमिक्रोन वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले 105 फीसदी ज्यादा संक्रामक है.
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लक्षण से चलेगा पता?
बेंगलुरु के जेपी नगर के एस्टेर आरवी अस्पताल के Consultant-Internal Medicine डॉ. एसएन अरविंदा के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों में सूंघने की क्षमता में कमी देखने को मिली थी. हालांकि ओमिक्रोन वेरिएंट में ऐसा न के बराबर है. उन्होंने कहा कि डेल्टा से संक्रमित शख्स के लक्षण गंभीर हो सकते हैं. वहीं ओमिक्रोन के लक्षण हल्के हैं. साथ ही ओमिक्रोन फेफड़ों को भी कम प्रभावित कर रहा है. जिसके कारण ऑक्सीजन की जरूरत की भी ज्यादा दरकार नहीं है.
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वहीं ओमिक्रोन में लोगों को सांस फूलने की भी कम समस्या देखने को मिल रही है. वर्तमान में RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल कर यह पता लगाया जाता है कि कोई शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है या नहीं. वहीं ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट का पता लगाने के लिए जेनेटिक सिक्वेंसिंग की जरूरत होती है, जिसमें 4 से 5 दिन का समय लग सकता है.