बेल्जियम और नीदरलैंड से मंगलवार को चौंका देने वाली खबर सामने आई है. दोनों मुल्कों में एक-एक मरीज कोविड-19 से ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना वायरस की चपेट में आ गए. इससे पहले हांगकांग में कोरोना से एक शख्स के दूसरी बार पॉजिटिव होने की पुष्टि हो चुकी है.
नीदरलैंडस, बेल्जियम में दोबारा कोरोना संक्रमण
डच मीडिया में बताया गया है कि नीदरलैंड में दूसरी बार संक्रमित होने वाले बुजुर्ग मरीज का इम्युन सिस्टम कमजोर था. वायरस वैज्ञानिक मरिओन कूपनाम्स ने कहा, "मामूली लक्षण के साथ लंबे समय तक लोगों का संक्रमित होना सामान्य बात है. कुछ मामलों में संक्रमण बढ़ जाता है." उन्होंने बताया कि संक्रमण के दोनों मामले में जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत है. जिससे पता लगाया जा सके कि क्या वर्तमान के वायरस में कोई अंतर है. एक अन्य वायरस वैज्ञानिक मार्क वान ने डच मीडिया को बताया, "बेल्जियम के मरीज में विकसित एंटी बॉडीज बहुत ज्यादा मजबूत नहीं थी." उन्होंने कहा कि ये अच्छी खबर नहीं है. हालांकि अभी ये साफ नहीं है क्या ये दुर्लभ मामला है या फिर कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों की बड़ी तादाद को दोबारा संक्रमित होने का खतरा है.
क्या कोविड-19 की दूसरी लहर है?
हांगकांग में एक ही शख्स के दूसरी बार कोरोना से संक्रमित होने पर वैज्ञानिक हैरान रह गए थे. 33 वर्षीय शख्स मध्य अगस्त में स्पेन की यात्रा से हांगकांग लौटा था. इस दौरान जेनेटिक टेस्ट में कोरोना वायरस के अलग स्ट्रेन का खुलासा हुआ. विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए. क्योंकि नीदलैंडस और बेल्जियम में एक ही शख्स के दोबारा संक्रमित होने के उदाहरण से पता चलता है कि कोरोना के खिलाफ लंबे समय तक इन्युनिटी नहीं रहती है. हालांकि कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि ये रामबाण हो सकता है. उनका कहना है कि दूसरी बार संक्रमित होना बची हुई इम्युनिटी की संभावना की निशानी होती है.