मॉनसून और सर्दियों में तापमान गिरने पर कोरोना संक्रमण के मामले और ज्यादा बढ़ सकते हैं. ये दावा एक स्टडी में किया गया है. ये स्टडी IIT-भुवनेश्वर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की बिजयिनी बी और बैजयंतिमाला एम द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी. स्टडी के अनुसार, बारिश और सर्दियों में तापमान कम होने पर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं. इस स्टडी का शीर्षक 'भारत में COVID-19 का प्रसार और तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता पर निर्भरता' है.


ये स्टडी अप्रैल से जून के बीच 28 राज्यों में की गई. स्टडी में पता चला है कि तापमान एक एक डिग्री सेल्सियस बढ़ने के कारण मामलों में 0.99 फीसदी की कमी होती है और मामलों के दोगुना होने का समय 1.13 दिन तक बढ़ जाता है. हालांकि स्टडी अभी अपने प्री-प्रिंट चरण में है.


कैसे कर सकते हैं कोरोना से खुद का बचाव
कोरोना वायरस से बचने का सबसे बहतर तरीका है इससे बचाव. बचाव के लिए लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जिससे यह वायरस न फैले. संक्रमण से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोते रहना चाहिए. संक्रमित व्यक्ति के पास जाने पर विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते शरीर में जा सकते हैं. खांसने या छींकने से भी थूक के बारीक कण हवा में फैल जाते हैं. ये कण आस-पास मौजूद व्यक्ति या चीजों पर चिपक जाते हैं. फिर उस चीज को हाथ से छूने पर बारीक कण आंख, नाक या मुंह के रास्ते शरीर में पहुंच जाते हैं.


हमें खांसते और छींकते व्यक्ति से दूरी बनाए रखना चाहिए. खांसने और छींकने वाले व्यक्ति को भी टिश्यू का इस्तेमाल करना चाहिए. बिना हाथ धोए अपने चेहरे, नाक या आंख को नहीं छूना चाहिए. हर वक्त मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए. पालतू या जंगली जानवरों के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए.


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