(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: जानिए, कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद कर सकते हैं वर्क आउट?
कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के बाद अपने पुराने वर्कआउट रुटीन पर जाने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना जरूरी है. अगर आप हल्के लक्षणों के साथ घर पर रिकवर हो गए हैं तो आप रिपोर्ट निगेटिव आने के 2-3 सप्ताह बाद अपने रुटीन वर्क में लौट सकते हैं, लेकिन अगर आपके फेफड़े प्रभावित हुए हैं और आपको पहले से हार्ट से जुड़ी परेशानी है तो आपको 2-3 महीने आराम करने की सलाह दी जाती है.
कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों को शारीरिक और मानसिक रुप से सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. कोरोना संक्रमण से रिकवर होने के बाद बहुत सारे मरीज अलग-अलग तरह की परेशानियां झेल रहे हैं. कोरोना की सेकेंड वेब में अचानक मौत का आंकड़ा भी काफी बढ़ा है.
कोरोना से रिकवरी के बाद अचानक मौत का खतरा
कोरोना से रिकवर करने के बाद कई मरीजों में कोविड के अलग अलग आफ्टर इफैक्ट्स नजर आ रहे हैं. कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मरीज अपने पुराने वर्कआउट रुटीन पर वापस गए हैं और अचानक हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई है. इस तरह के केस सामने आने के बाद लोगों के मन में डर है. लोग जानना चाहते हैं कि वो कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद अपने पुराने वर्क आउट रुटीन पर वापस लौट सकते हैं. हालांकि अभी एक्सपर्ट्स भी इस बारे में कुछ साफतौर से नहीं कह पा रहे हैं. क्योंकि कोरोना के मरीजों में कई लोगों के हार्ट पर इसका असर हो रहा है ऐसे में किसी भी तरह की गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है.
कोविड के बाद हार्ट प्रोबलम
एक्सपर्ट्स का मानें तो कोरोना के बाद अचानक होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक के मामले सामने आए हैं. अगर मरीज की धमनी में अचानक रुकावट आ जाती है और हार्ट तक ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है ऐसी स्थिति में आपको भारी नुकसान हो सकता है. इससे अचानक आरका हार्ट फेल हो सकता है. ऐसी स्थिति में मरीज के दिल की धड़कन या तो तेज हो जाती है या रुक जाती है. इस स्थिति में मरीज की मौत हो जाती है. कोरोना के बाद कई मरीजों में muscle involvement देखी गई है जिसे 'मायोकार्डिटिस' कहते हैं. इस स्थिति में कई बार हार्ट बीट की समस्या कार्डिक अरेस्ट की वजह बन जाती है.
डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना के मरीजों में दो तरह के कार्डिक कॉम्प्लीकेशन सामने आए हैं. जिसमें पहला हार्ट अटैक है जिसकी वजह धमनियों में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग है. दूसरी कार्डिक मसल्स के कमजोर होने से हार्ट बीट में बदलाव आता है. इसे 'मायोकार्डिटिस' कहते हैं. ऐक्सपर्ट्स का कहना है कि 20 में से 6-7 प्रतिशत कोरोना के मरीजों में ही हार्ट से जुड़ी परेशानी सामने आ रही है.
कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद करें एक्सरसाइज?
अगर आपको कोरोना संक्रमण हल्के रुप में हुआ है जिसमें आपके फेफड़े प्रभावित नहीं हुए हैं तो आप ठीक होने के बाद अपने पुराने वर्क आउट रुटीन पर वापस जा सकते हैं, लेकिन आपको हार्ड वर्कआउट से शुरु में बचना चाहिए. आप हल्की वॉक या योगा कोविड के 2 सप्ताह बाद शुरु कर सकते हैं. अगर आपको एक्सरसाइज करने में सांस लेने में किसी तरह की तकलीफ हो रही है या किसी तरह की पहले से हार्ट से जुड़ी परेशानी है तो आपको एक्सरसाइज करते वक्त अलर्ट रहने की जरूरत है.
कोविड के हल्के और गंभीर मरीजों के लिए एक्सरसाइज
डॉक्टर्स की मानें तो अगर आप कोरोना संक्रमण से हल्के रुप में प्रभावित हुए हैं जिसमें आपको हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं पड़ी. आपको किसी तरह की ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई, तो आप कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के 2-3 सप्ताह बाद अपने नॉर्मल रुटीन में वापस आ सकते हैं. हालांकि आपको धीरे-धीरे अपने रुटीन की शुरुआत करनी है. अगर आपको कोरोना के दौरान फेफड़ों में इंफेक्शन हुआ है और पहले से हार्ट से जुड़ी परेशानी रही है तो आपको कम से कम 2 से 3 महीने तक आराम करने की सलाह दी जाती है.
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