Cough Syrup Side Effects: मौसम बदल रहा है, ठंड ने अपनी दस्तक दे दी है और ठंड के साथ-साथ सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी बीमारियां भी लोगों को अपनी जद में ले रही हैं. बीमारियों से बचने के लिए लोग धड़ल्ले से तमाम तरह की दवाएं और कफ सिरप का प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं जो कफ सिरप आप पी रहे हैं अगर उसमें कोडीन नामक तत्व पाया जाता है तो यह आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक है. खासतौर से छोटे बच्चों के लिए तो यह और भी ज्यादा खतरनाक है. गाम्बिया जैसे देश में तो इस केमिकल की वजह से 66 बच्चों की मौत भी हो गई थी, जिसके बाद वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन इसे लेकर चेतावनी भी जारी की थी.


क्या होता है कफ सिरप में पाया जाने वाला कोडीन


कफ सिरप में कोडीन मार्फिन नाम का एक केमिकल पाया जाता है जो, अफीम ग्रुप से ताल्लुक रखता है. अगर आप इसका इस्तेमाल लंबे समय तक करते हैं तो यह आपके शरीर पर गंभीर असर छोड़ जाता है. विशेषज्ञ इसे स्लो प्वाइजन मानते हैं. कहा जाता है कि अगर आप कोडीन वाले कफ सिरप का इस्तेमाल ज्यादा दिनों तक कर लेंगे तो आप इसके गिरफ्त में आ जाएंगे.


किन बीमारियों की जड़ है यह केमिकल


कोडीन मार्फिन नाम का केमिकल अगर आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा चला गया तो यह आपको एंग्जायटी, डिप्रेशन, नींद ना आना, भूख न लगना, पेट में दर्द होना और वेट लॉस जैसी समस्याओं के चंगुल में फंसा देगा. अगर आपको एक बार इसकी लत लग गई और उसके बाद आपके शरीर को कोडिंग नहीं मिला तो यह आपके लिए जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए अगर आपको कोडीन वाले कफ सिरप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें.


बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है कोडीन


बीएमजे मेडिकल जर्नल में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, अगर कोडीन वाले कफ सिरप को 6 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा दे दी जाए तो यह उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. क्योंकि इसमें मौजूद एंटीहिस्टामाइन जो बच्चों के लिए बेहद नुकसानदायक होता है. अगर बहुत ज्यादा बच्चे को दिक्कत है और आपके पास सिर्फ यही दवाई एकमात्र विकल्प है तो 1 दिन में दो चम्मच से ज्यादा कफ सिरप बच्चे को ना दें. यह दो चम्मच भी आपको डॉक्टर की सलाह पर ही देनी है.


पहली बार कब बनी थी कफ सिरप


कफ सिरप के इतिहास की बात करें तो यह पहली बार 127 साल पहले जर्मन दवा कंपनी बेयर ने बनाई थी और वह इसे हेरोइन कहकर बेचते थे. इसके बाद 1898 में एक दवा आई जिसे लोग वन नाइट कफ सिरप कहते थे, इस दवा में अल्कोहल, कैनाबिस, क्लोरोफॉर्म और मार्फिन मिलाया जाता था. कहते थे कि यह दवा सिर्फ एक रात में ही खांसी को ठीक कर देती थी.


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