न्यूयॉर्कः मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर (MSK) के शोधकर्ताओं ने नई स्टडी में पाया है कि कोविड-19 में सेल्फ कलेक्टेड लार के सैंपल नासोफेरींजल और ऑरोफरीन्जियल स्वाब के समान ही विश्वसनीय हैं. जर्नल ऑफ़ मॉलिक्युलर डायग्नोस्टिक्स में एल्सियरियर की ओर से प्रकाशित एक नई स्टडी के अनुसार, लार के नमूनों से डिटेक्शन की दर अलग-अलग टेस्ट प्लेटफॉर्म्स के समान थी. आइस पैक या कमरे के तापमान पर स्टोर होने पर लार के नमूने 24 घंटे तक स्टेबल रहे.


न्यूयॉर्क के मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर में क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी सर्विस के इंवेस्टीगेटर एस्थर ने कहा कि ओरल रिन्स, जिसे नाक के स्वाब संग्रह के एक अन्य विकल्प के रूप में सुझाया गया है, ने कोविड-19 ने विश्वसीन रूप से डाइग्नोस नहीं किया. उन्होंन ने कहा, "मौजूदा महामारी से सप्लाई चैन पर दबाव है जिसमें स्वाब से लेकर पीपीई किट तक शामिल हैं. ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षित रूप से नमूने एकत्र करने की आवश्यकता है. ”  एस्थर ने कहा "सेल्फ-कलेक्टेड लार सैंपल से स्वास्थ्य वर्कर के जोखिम को कम करने और स्पेशल कल्शन इक्विमेंटस आवश्यकता को कम हो सकती है."


4 अप्रैल से 11 मई के बीच हुई स्टडी
यह स्टडी न्यूयॉर्क के एमएसके में 4 अप्रैल और 11 मई, 2020 के बीच हुई थी जब वहां पर महामारी का प्रकोप चरम पर था. इस स्टडी में 285 एमएसके कर्मचारी शामिल थे जिन्हें कोविड-19 के लिए टेस्ट की आवश्यकता थी. इनमें वायरस के लक्षण थे या फिर ये संक्रमितों के संपर्क में आये थे.


सभी के लिए गए थे पेयर सैंपल
सभी कर्मचारियों के पेयर सैंपल लिए गए थे. इसमें एक नासोफेरींजल स्वाब और ओरल रिन्स , एक नासोफेरींजल स्वाब और एक लार सैंपल या फिर एक ऑरोफरीन्जियल स्वाब और एक लार सैंपल लिया गया था. टेस्ट किए जाने वाले सभी सैंपल्स को रूम टेंपरेचर पर स्टोर किया गया था और दो घंटे के भीतर प्रयोगशाला में पहुंचाया गया था.


वायरस का पता लगाने के लिए रिन्स सैंपल केवल 63 प्रतिशत प्रभावी थे. नासोफेरींजल स्वाब के साथ 85.7 फीसदी थे. स्टेबलिटी टेस्ट करने के लिए लार के सैंपल और नासॉफिरिन्जियल सैंपल को 4 डिग्री सेल्सियस या रूम टेंपरेचर पर ट्रांसपोर्ट कूलर में स्टोर किया गया था.


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