रूस में एक बार फिर कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. खासकर मास्को में. अब कहा जा रहा है कि इसके लिए कोरोना वायरस का नया म्यूटेंट जिम्मेदार है. ना जा रहा है कि रूस की राजधानी मास्को में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट आ चुका है. इसलिए इसे मास्को स्ट्रैन भी कहा जाने लगा है. रूस के The Gamaleya National Center of Epidemiology and Microbiology के वैज्ञानिक अब इस बात का पता लगा रहे हैं कि Sputnik V वैक्सीन इस नए वैरिएंट के खिलाफ असरदार है या नहीं. गामालेया नेशनल सेंटर ने ही रूस में कोरोना वायरस के लिए Sputnik V वैक्सीन को विकसित किया है.
मास्को स्ट्रैन पर वैक्सीन कारगर नहीं
गामालेया के डिप्टी डायरेक्टर Denis Logunov ने बताया कि अब हम मास्को में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले की समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और ऐसा लग रहा है कि मास्को में यहीं का मास्को स्ट्रैन आ गया है. इसलिए इसे मास्को वायरस भी कहा जाने लगा है. रूस की राजधानी मास्को में पिछले सप्ताह कोरोना के मामलों में दोगुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है जिसके लिए नए स्ट्रैन को जिम्मेदार माना जा रहा है.
मास्को में एक दिन में साढ़ें पांच हजार नए मामले
हालांकि अब तक नए स्ट्रैन के बारे में बहुत कम जानकारी है. लेकिन गामलेया के प्रमुख Alexander Gintsburg का मानना है कि शायद स्पुतनिक वैक्सीन नए स्ट्रैन पर असर नहीं करता है. बुधवार को रूस में कोरोना के कुल 13,397 नए मामले सामने आए, इनमें 5782 केस सिर्फ मास्को में पाए गए. कोरोना के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए रूस में वैक्सीन अभियान को तेज कर दिया गया है. मास्को प्रशासन ने घोषणा की है कि सार्वजनिक कामों में लगे सभी स्टाफों को वैक्सीन लगाने की जरूरत होगी. रूस में अब तक सिर्फ 12 प्रतिशत लोगों में ही वैक्सीन लगी है.
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