Teenagers Mental Health: कोरोना ने शुरू से ही लोगों की लाइफ पर बुरा असर डाला है. कोरोना के दौरान लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) की वजह से कई तरह की मेंटल प्रॉब्लम्स देखने को मिल रही है. भले ही आज कोरोना का असर कम हो गया है और लॉकडाउन नहीं है लेकिन यूथ मानसिक समस्याओं (Mental Health) से जूझ रहा है. टीनएजर्स (Teenagers) में अलग तरह के स्ट्रेस (stress) देखने को मिल रहे हैं. इनके पैटर्न में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. जानें यह किस तरह का स्ट्रेस है और इससे कैसे बचा जा सकता है...
लॉकडाउन के साथ स्ट्रेस में बदलाव
टीनएजर्स हो या उनसे ज्यादा उम्र के यूथ, सभी की मानसिक स्थिति अलग-अलग होती है. कुछ मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना के साथ ही युवाओं या फिर टीनएजर्स के स्लीप पैटर्न में बड़े बदलाव देखे गए. कई बार ये लक्षण एक ही जगह पर बंद रहने की वजह से भी हो सकते हैं. इसे लिविंग स्ट्रेस कहा जाता है. कई बाद ये डिप्रेशन या फिर एंग्जाइटी की तरफ भी ले जाता है.
टीनएजर्स के बिहेवियर में बदलाव
मानसिक स्वास्थ्य पर रिसर्च करने वाले कुछ संस्थानों की हाल ही में पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड 19 के बाद से टीनएजर्स या युवाओं स्लीप पैटर्न, बिहेवियर, चीजों को समझने और सुलझाने के तरीके में जिस तरह के बदलाव देखे जा रहे हैं, उससे उनका दिमाग, उनकी उम्र से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. इसमें ऐसा बिहेवियर देखा जाना नॉर्मल माना जा सकता है लेकिन यूथ में नहीं.
इस तरह के स्ट्रेस से बचने के उपाय
घर के बच्चों से खुलकर बातें करें, उनके मन की बात जानें.
युवाओं को उनके पसंदीदा काम जैसे डांसिंग, रीडिंग वगैरह के लिए प्रेरित करें.
उनके पसंदीदा लोगों के साथ समय बिताने दें. चाहे वो दोस्त हों, रिश्तेदार हों या परिवार का कोई सदस्य.
इस बात का खास ध्यान रखें कि उनकी नींद पूरी हो रही हो.
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से मदद लें.
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