'मेडिकल जर्नल एथेरोस्क्लेरोसिस थ्रोम्बोसिस' और 'वैस्कुलर बायोलॉजी' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक इस रिसर्च में 11 हजार से भी ज्यादा लोगों को शामिल किया गया था. इसमें उन लोगों के मेडिकल रिपोर्ट को शामिल किया गया था. जिन्हें साल 2020 में कोविड हुआ था यानि उनका कोविड टेस्ट पॉजिटिव था. यूके 'बायोबैंक' नाम के एक बड़े डेटाबेस में शामिल लगभग 25 लाख लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड पर आधारित था.


इस रिसर्च में 11 हजार लोगों को शामिल किया 


इस डेटासेट में रिसर्चर ने 11 हजार से ज़्यादा ऐसे लोगों की पहचान की. जिनका साल 2020 में कोविड-19 के लिए लैब टेस्ट पॉज़िटिव आया था और उनके मेडिकल रिकॉर्ड में दर्ज़ है. उनमें से लगभग 3,000 से भी ज्यादा लोगों को गंभीर इंफेक्शन के कारण हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था.  उन्होंने इन समूहों की तुलना उसी डेटाबेस में मौजूद 222,000 से ज़्यादा लोगों से की. जिनका उसी समय-सीमा में कोविड-19 का इतिहास नहीं था.


जिन लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया ठीक होने के बाद भी स्ट्रोक का खतरा


रिसर्च में पाया गया कि जिन लोगों को साल 2020 में कोविड हुआ था. उस वक्त तक उन्हें टीक नहीं लगे थे. उनमें बीमारी के बाद लगभग तीन साल तक दिल का दौरा या स्ट्रोक या मृत्यु जैसी बड़ी हृदय संबंधी घटना का जोखिम उन लोगों की तुलना में दोगुना था. जिनका टेस्ट पॉजिटिव नहीं था. यदि किसी व्यक्ति को अपने संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जो अधिक गंभीर मामले की ओर इशारा करता है. तो उसके लिए दिल की बड़ी घटना का जोखिम और भी अधिक था. तीन गुना से भी अधिक. उन लोगों की तुलना में जिनके मेडिकल रिकॉर्ड में कोविड नहीं था.


कोविड से ठीक होने के बाद भी इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा


जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी. उनके लिए कोविड भविष्य में दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए मधुमेह या परिधीय धमनी रोग, या PAD जितना ही शक्तिशाली जोखिम कारक प्रतीत हुआ. एक रिसर्च में अनुमान लगाया गया है कि मई 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 3.5 मिलियन से अधिक अमेरिकी कोविड के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे.


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कोविड का हार्ट पर क्यों असर पड़ता है?


हम कुछ समय से जानते हैं कि संक्रमण से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए अगर आपको इन्फ्लूएंजा है. अगर आपको कोई भी तरह का संक्रमण होता है. चाहे वह बैक्टीरियल हो या वायरल, तो इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. यह सब बैक्टीरियल इंफेक्शन ठीक भी हो जाते हैं. लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि कोविड का हार्ट के फंक्शन पर इतने सालों के बाद भी असर क्यों होता है? 


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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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