Covid-19 vaccine: ऑक्सफोर्ड के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में 7 वॉलेंटियर ठहराए गए अयोग्य, जानिए कौन होता है उपयुक्त?
कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के मानव परीक्षण में 7 वॉलेंटियर को बाहर कर दिया गया है. ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका भारत में ‘कोविशील्ड’ नाम से तीसरे चरण का परीक्षण कर रही है.
कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए भारत समेत दुनिया भर में वैक्सीन का मानव परीक्षण जारी है. ज्यादातर कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण दूसरे और तीसरे चरण में है. ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका भारत में ‘कोविशील्ड’ नाम से तीसरे चरण का परीक्षण कर रही है. मगर एक रिपोर्ट से पता चला है कि वैक्सीन के परीक्षण में सात वॉलेंटियर को अयोग्य पाया गया है. भारत की सीरम इंस्टीट्यूट पुणे के सरकारी केंद्र पर तीसरे चरण का मानव परीक्षण कर रही है.
सात वॉलेंटियर को परीक्षण से किया गया बाहर
खबरों के मुताबिक, परीक्षण में शामिल होनेवाले वॉलेंटियर को स्वास्थ्य कारणों से अयोग्य ठहराया गया है. और एक बार फिर इस सप्ताह उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. किसी वैक्सीन के असर को जांचने के लिए तीसरे चरण का मानव परीक्षण सबसे जरूरी होता है. जिसमें अलग-अलग ग्रुप के वॉलेंटियर को बड़ी तादाद में शामिल किया जाता है. मगर इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनको तीसरे चरण के मानव परीक्षण में स्वीकार नहीं किया जाता है. गौरतलब है कि किसी भी चरण के परीक्षण में शामिल हो रहे वॉलेंटियर को किसी भी वक्त परीक्षण से बाहर निकलने का विकल्प होता है.
परीक्षण में कौन शामिल नहीं हो सकता है?
गर्भवती महिलाओं पर वैक्सीन के परीक्षण से साइड-इफेक्ट्स होने का डर रहता है. गर्भवती महिलाओं का शरीर दो लोगों को खुराक मुहैया करा रहा होता है. परीक्षण में वही महिलाएं शामिल हो सकती हैं जिन्होंने अभी बच्चा नहीं रखने का मंसूबा बनाया है या एक साल पहले उन्होंने बच्चे को जन्म दिया हो.
वैक्सीन के परीक्षण से पता चलता है कि क्या इससे इम्यूनिटी रिस्पॉंस पैदा होती है और क्या शरीर में एंटी बॉडीज बढ़ती है. अब, अगर कोई पहले से ही संक्रमित हो चुका है तो फिर उसके अंदर काफी एंटी बॉडीज मौजूद रहेगी. इससे वैक्सीन के प्रभावी नतीजों को तय कर पाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए वॉलेंटियर का वैक्सीन परीक्षण के वक्त स्वस्थ होना जरूरी होता है. इसके अलावा वर्तमान में उसको कोरोना का संक्रमण न हुआ हो.
किसी बीमारी की दवा खानेवाले लोग भी वैक्सीन के परीक्षण में शामिल नहीं हो सकते. सबसे उपयुक्त वॉलेंटियर परीक्षण के लिए वही माने जाते हैं जिनका हाल में ऑपरेशन या सर्जरी नहीं किया गया हो.
चिकित्सीय स्थिति से गुजर रहे लोगों को भी उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा जाता है. ऐसे लोगों के परीक्षण पर वैक्सीन का बेहतरीन नतीजा सामने नहीं आ सकता. यहां तक कि कुछ साइड-इफेक्ट्स भी होने का खतरा रहता है. साइड-इफेक्ट्स की आशंका को परीक्षण में अनुकूल नहीं समझा जाता है. अगर उच्च जोखिम वाले वॉलेंटियर को शामिल कर भी लिया जाए तो मध्य चरण लेवल में उनकी बराबर निगरानी की जाती है.
वैक्सीन परीक्षण में आम तौर से दूर दराज के वॉलेंटियर को शामिल करने से शोधकर्ता बचते हैं. आसपास रहने वाले लोगों को परीक्षण के लिए प्राथमिकता दी जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वैक्सीन के परीक्षण से होनेवाले किसी साइड इफेक्ट या लक्षण की बराबर निगरानी की जा सके. दूर रहने से नियमित चेकअप और मुआयना मुश्किल हो जाता है.
चावल खाने से नहीं बढ़ेगा वजन, जानें इसे पकाने और खाने का सही तरीका
क्या आपको है सच्चे जीवन साथी की तलाश? जानें अपने पार्टनर को पहचानने का सही तरीका
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )