Covid-19 vaccine: फाइजर की वैक्सीन पर प्रमुख वैज्ञानिक का दावा, अगली सर्दी तक सामान्य नहीं होगी जिंदगी
कोविड-19 वैक्सीन की सफलता के दावेदार प्रमुख वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया हैउन्होंने इस साल के आखिर या अगले साल के शुरू में आपूर्ति की उम्मीद जताई है
फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन की सफलता के पीछे प्रमुख वैज्ञानिक ने बड़ी बात कही है. उगर सहिन ने चेताया है कि वैक्सीन को प्रभावी होने के लिए समय चाहिए और जिंदगी अगली सर्दी तक सामान्य नहीं होगी. सहिन ने बीबीसी के एक कार्यक्रम में रविवार को बताया, "ये सर्दी सख्त होगी. इसलिए, इस मौसम में हमारी वैक्सीन से संक्रमण की संख्या पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा."
'अगली सर्दी तक जिंदगी सामान्य नहीं होगी'
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोनटेक एक साथ प्रमुख उम्मीदवार का पीछा कर रही हैं. बायोनटेक के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी प्रोफेसर उगर सहिन ने कहा, "हमारा लक्ष्य अगले साल अप्रैल तक वैक्सीन का 300 मिलियन डोज आपूर्ति करने का है. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हम इस साल के आखिर या अगले साल की शुरुआत में वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर देंगे. मुझे विश्वास है कि ये हो जाएगा क्योंकि वैक्सीन की कई कंपनियों को आपूर्ति बढ़ाने को कहा गया है जिससे अगले साल हमें सामान्य सर्दी का सामना करना पड़े."
फाइजर-बायोनटेक के वैज्ञानिक का दावा
उन्होंने गर्मी में संक्रमण दर के नीचे जाने का अनुमान लगाया है. उनका कहना है कि आम लोगों तक वैक्सीन मध्य दिसंबर तक वितरित की जा सकती है. इसके लिए जरूरी है कि अगले साल पतझड़ या सर्दी से पहले वैक्सीनेशन की उच्च दर हम हासिल कर लें. इसका मतलब हुआ कि सभी प्रतिरक्षण और टीकाकारण के दृष्टिकोण अगले शरद ऋतु से पहले पूरे हो जाने चाहिए. उन्होंने बताया कि अभी 'मुख्य साइड इफेक्ट्स' हल्का से मध्यम दर्द इंजेक्शन वाली जगह पर कुछ दिनों के लिए सामने आया है, जबकि कुछ प्रतिभागियों को हल्का से मध्यम बुखार खास वक्त के लिए था.
सहिन और उनकी पत्नी ने जर्मनी के मेन्ज शहर में 2008 में बायोनटेक की स्थापना की थी. पिछले सप्ताह फाइजर और बायोनटेक ने बताया था कि शुरुआती डेटा से उनकी वैक्सीन के 90 फीसद प्रभावी होने का पता चला है. 43 हजार 500 वॉलेंटियर पर वैक्सीन के परीक्षण से सकारात्मक नतीजे देखे गए. वैक्सीन का प्रभाव वैज्ञानिकों के अनुमान से ज्यादा निकला. नतीजे से उत्साहित फाइजर के मुख्य कार्यकारी और चेयरमैन अल्बर्ट बाउरला ने इंसानियत और विज्ञान के लिए ऐतिहासक दिन बताया. हालांकि, वैक्सीन के सामने आने से पहले अभी भी चुनौतियां बरकरार हैं.
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