देश में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति पैदा हो गई है. पिछले चार दिनों से रोजाना करीब डेढ़ लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी लाने के लिए अमेरिकी कंपनी फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना की वैक्सीन को भी मंगाया जाएगा. बातचीत भी शुरू हो गई है. करीब एक महीने बाद इन तीनों कंपनियों की वैक्सीन देश में आने लगेगी. जॉनसन एंड जॉनसन ने इस संबंध में सरकार से प्राथमिक स्तर की बातचीत कर ली है. उम्मीद है कि जल्द ही जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को सरकार देश में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे देगी. वहीं मंजूरी के लिए कई तरह की दिक्कतें आने के बाद फाइजर ने भारत में वैक्सीन की इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अपना हाथ खींच लिया था. 


रणनीति बनाने में लगेगा समय 
सरकारी सूत्रों का कहना है कि जॉनसन और फाइजर दोनों कंपनियों को भारत में वैक्सीन भेजने के लिए अपनी रणनीति बनाने के लिए अभी कुछ महीनों का समय और लगेगा. हालांकि फाइजर के पास वैक्सीन निर्माण की क्षमता ज्यादा नहीं है. इसलिए फाइजर की वैक्सीन भारत में आने के लिए अभी कुछ महीनों का इंतजार करना होगा. दूसरी ओर मॉडर्ना की mRNA वैक्सीन के लिए सीएसआईआर के लिए बातचीत चल रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में वैक्सीन की खपत के लिए सबसे पहले फाइजर ने ही आपातकाल इस्तेमाल के लिए बातचीत शुरू की थी. इसलिए फाइजर को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. 


लगातार सातवें दिन एक लाख से अधिक मामले 
इधर, मंगलवार को लगातार तीसरे दिन देश में डेढ़ लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हुए हैं. देश में लगातार सातवें दिन-एक लाख से अधिक मामले सामने आए. मंगलवार को 879 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं एक अप्रैल से अब तक 13 दिन में करीब 14 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं. मंगलवार को 1,61,736 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं. हालांकि इस दौरान 97168 मरीजों को अस्पताल से डिस्चॉर्ज किया गया. 


देश में एक्टिव केस डेढ़ करोड़ के और नजदीक 
अब देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1.36 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है. इनमें से 1.22 करोड़ मरीज स्वस्थ हुए हैं. वहीं 12,64,698 संक्रमित रोगियों का अभी उपचार चल रहा है. पिछले एक दिन में 63689 सक्रिय मामले बढ़े हैं इनके अलावा देश में अब तक कोरोना वायरस की वजह से 171089 लोगों की जान जा चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि देश में रिकवरी दर आंशिक घटकर 89.51 फीसदी और सक्रिय मामलों की दर बढ़कर 9.19 फीसदी हो चुकी है. जबकि मृत्युदर घटकर 1.25 फीसदी पर आई है.
 
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