COVID-19 Variant XBB.1.16: देश में XBB.1.16 के कारण कोरोना ने पकड़ी रफ्तार! जानिए ये वेरिएंट कितना खतरनाक और क्या हैं इसके लक्षण?
Corona Variant: पहले से किसी बीमारी से पीड़ित और सांस संबंधी समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए XBB.1.16 वेरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए ऐसे लोगों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है.
XBB.1.16 Variant: भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस रफ्तार पकड़ रहा है. केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब सवाल उठता है कि कोरोना के मामले इतनी तेजी से बढ़ क्यों रहे हैं. दरअसल मामलों में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह कोविड के एक नए वेरिएंट को बताया जा रहा है. भारत में पिछले 24 घंटों में 5000 से ज्यादा नए कोविड केस सामने आए हैं. देश में कोविड मामलों में अचानक वृद्धि के लिए ओमिक्रॉन के XBB.1.16 वेरिएंट को जिम्मेदार ठहराया गया है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) कोविड के इस सब-वेरिएंट (XBB.1.16) पर नजदीक से नजर गड़ाए हुए है.
XBB.1.16 वेरिएंट के क्या हैं लक्षण?
29 मार्च की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान WHO की कोविड-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कहा था कि भारत में XBB.1.16 ने बाकी सभी वेरिएंट्स को रिप्लेस कर दिया है. XBB.1.16 वेरिएंट के लक्षणों में बुखार शामिल है, जो धीरे-धीरे चढ़ना शुरू होता है और कम से कम 1-2 दिनों तक रहता है. इसके अलावा, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर में दर्द और पेट में दिक्कत होना भी इस वेरिएंट के लक्षण हैं. ये सभी लक्षण इतने आम हैं कि आपको महसूस भी नहीं होगा कि आप इस वेरिएंट से पीड़ित हैं. इसलिए जब भी आपको ये लक्षण अपने शरीर में दिखने लगें या ज्यादा परेशान करने लगें तो तुरंत डॉक्टर का रुख करें.
कितना खतरनाक है ये वेरिएंट?
XBB.1.16 वैरिएंट के कारण वैसे तो कोई गंभीर समस्या नहीं देखी जाती है. हालांकि पहले से किसी बीमारी से पीड़ित और सांस संबंधी समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए यह खतरनाक भी साबित हो सकता है. इसलिए ऐसे लोगों को अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है. क्योंकि छोटी सी लापरवाही भी जान का जोखिम पैदा कर सकती है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के एक सर्कुलर के मुताबिक, कोविड-19 के मरीजों को घर में आइसोलेशन में रहना चाहिए.
कैसे करें अपना बचाव?
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि घर में भी ऐसे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल, हाथ की सफाई और हाइड्रेशन, एंटीपायरेटिक्स, एंटीट्यूसिव जैसी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. इसके अलावा, मरीजों को अपने बॉडी टेंपरेचर और ऑक्सीजन सेचुरेशन की भी जांच वक्त-वक्त पर करनी चाहिए. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों से लिए गए सैंपल्स में से 98 प्रतिशत में XBB.1.16 वेरिएंट देखा गया. हालांकि XBB.1.16 वेरिएंट बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है, लेकिन ये बहुत तेजी से फैलता है. इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में खांसी और सर्दी-जुकाम जैसे आम लक्षण भी देखे जा रहे हैं.
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