जंगली जानवरों में तेजी से फैल रहा कोरोना वाला वायरस, जानें क्या हो सकते हैं खतरे
जंगलों में वायरल एंटीबॉडी तीन गुना ज्यादा है. इंसानों से ऐसे वायरस तेजी से फैलते हैं.जानवरों से इंसानों में वायरस के मामले काफी कम होते हैं लेकिन जानवरों तक इस वायरस के पहुंचने से चिंता बढ़ गई है.
Corona Virus in Wild Animals : कोरोना फैलाने वाला वायरस SARS-CoV-2 इंसानों के बाद अब जंगली जानवरों में तेजी से फैल रहा है. वर्जीनिया टेक की कंरजवेशन बायोलॉजिस्ट अमांडा गोल्डबर्ग ने जानकारी दी है कि कई जंगली जानवरों की प्रजातियों में यह वायरस पाया गया है. कुछ प्रजातियों में इसका संक्रमण 60% तक पहुंच गया है, जो दुनिया को सावधान कर रहा है.
जंगल से लाए गए जानवरों जो रिहैबिलेशन सेंटर में थे, उनमें से 800 से ज्यादा के स्वैब सैंपल लिए गए. 6 अलग-अलग प्रजातियों के जानवरों में ऐसे एंटीबॉडीज पाए गए, जो सार्स-सीओवी-2 वायरस के इंफेक्शन के बाद बने होंगे. हालांकि, इनसे इंसानों में दोबारा से (Covid-19 के इंफेक्शन के सबूत नहीं मिले हैं.
क्या इंसानों में दोबारा से फैल सकता है कोरोना वायरस
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जंगलों के आसपास जहां इंसान ज्यादा रहते हैं या उनका आना-जाना ज्यादा है, वहां वायरल एंटीबॉडी तीन गुना ज्यादा है. इंसानों से ऐसे वायरस तेजी से फैलते हैं. जानवरों से इंसानों में वायरस के मामले काफी कम होते हैं लेकिन जंगली जानवरों तक इस वायरस के पहुंचने से चिंता बढ़ गई है. अमांडा ने बताया कि जिन जानवरों में कोविड 19 वाला वायरस मिला है, वे कॉटनटेल खरगोश, रकून, पूर्वी डीयर चूहा, वर्जिनिया ओपोसम, ग्राउंडहॉग्स और पूर्वी रेड बैट्स हैं.
क्या हो सकते हैं खतरे
एक्सपर्ट्स का मानना है कि म्यूटेंट वायरस का हमला हुआ तो हालत और खराब हो सकती है. वर्जिनिया टेक की मॉलीक्यूल बायोलॉजिस्ट कार्ला फिंकेल्स्टीन का कहना है कि, वैक्सीनेशन के चलते इंसान वायरस से बच गए लेकिन जंगल में फैल रहा है. जानवरों में इनका नया म्यूटेशन हो रहा है, क्योंकि उनका होस्ट अब नया है. भविष्य में ये म्यूटेंट वायरस इंसानों पर नए तरीके से अटैक कर सकता है.
वायरस रोकने के लिए क्या करना होगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि महामारी फैलने से रोकने के लिए वायरस पर नजर रखनी होगी. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सभी देशों में कोविड-19 के वायरस और इंफेक्शन पर नजर रखनी होगी, ताकि फिर से यह वायरस न फैले. अगर ऐसा हुआ तो इस बार यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है, क्योंकि म्यूटेशन का लेवल अभी तक पता नहीं लग पाया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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