Covid Appropriate Behavior: कोरोना ने वर्ष 2021 में देश में जमकर कहर बरपाया. डेल्टा वेरिएंट यहां बेहद घातक रहा. लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए, जबकि हजारों लोगों की जान चली गई. मौजूदा समय में ओमीक्रॉन वेरिएंट फैल रहा है. इसके सैंकड़ों सीक्वेंस हवा में हैं. सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट एक्सबीबी.1.16 है. यह वायरस संक्रमण के मामले में इतना गंभीर नहीं है. मगर ये खतरनाक इसलिए है, क्योंकि संक्रामक दर बहुत अधिक है यानि एक व्यक्ति से दूसरे में बहुत तेजी से फैलता है. आजकल कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का लोग खूब इस्तेमाल कर रहे हैं, जानने की कोशिश करते हैं कि इसके मायने क्या हैं?
क्या होता है कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर?
कोविड को लेकर एक शब्द चर्चा में है. कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर से आशय है कि कोविड को लेकर व्यक्ति का व्यवहार किस तरह होना चाहिए. इसके अंतर्गत रेस्पायरेटरी हाइजीन को मेंटेन रखना चाहिए. अनावश्यक यात्राएं नहीं करनी चाहिए. कोविड पेशेंट से भेदभाव न करें. कोविड को लेकर निगेटिव प्रचार-प्रसार न करेें. सोशल मीडिया पर टिप्पणी देखभाल करें. दो गज की दूरी, मास्क पहनना, सेनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए.
800 सीक्वेंस में अधिकांश भारत के
देश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ रहा है. चिंताजनक ये है कि देश में कोरोना बहुत तेजी से अपना रूप बदल रहा है. कुल कोविड मामलों में 60 प्रतिशत केस एक्सबीबी.1.16 वैरिएंट के हैं. जबकि डब्लयूएचओ ने रिपोर्ट जारी कर दिया है कि 22 देशों में जो कोरोना मिला है. उन 800 सीक्वेंस में से अधिकांश भारत से जुड़े हुए हैं.
बढ़ रहे एक्सबीबी.1.16 के मामले
लैब टेस्ट के अनुसार, एक्सबीबी.1.16 ने संक्रामकता में वृद्धि के साथ-साथ संभावित रूप से बढ़ी हुई रोगजनकता के संकेत दिखाए हैं। भारत में छह महीनों में सबसे अधिक कोविड मामलों को देखा गया है। इसे लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने एडवाइजरी जारी कर देश में टेस्टिंग और सर्विलांस बढ़ा दिया है।
ये है कोविड का आंकड़ा
दुनियाभर में कोविड को लेकर डब्ल्यूएचओ की ओर से आंकड़ें सामने आए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 27 फरवरी से 26 मार्च 2023 तक लगभग 3.6 मिलियन नए केस देखने को मिले हैं. इस दौरान 25,000 से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं. मौतों की स्थिति ये है कि कोविड के कारण हर सप्ताह 5000 से 10,000 मौतें हो रही हैं.
वर्तमान में एक्सबीबी.1.16 के लक्षण
कोविड में वहीं लक्षण देखने को मिल रहे हैं, जोकि पुराने वेरिएंट में थे. खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक बहना, थकान, मांसपेशियों में दर्द और पेट की गड़बड़ी शामिल है. हालांकि लॉन्ग कोविड में ब्रेन और दिल पर गंभीर असर देखने को मिल रहा है. ये गंभीर बात है.
कैसे करें बचाव
इस वायरस से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल है. मसलन, दो गज की दूरी, मास्क, सेनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए. भीड़ भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें. इम्यून सिस्टम मजबूत करें. वैक्सीन जरूर लगवाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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